ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे में जान गंवाने वाले यात्रियों के शव जब भागलपुर स्थित उनके गांव पहुंचे तो ग्रामीणों के बीच मातम पसर गया. मृतकों के घरों से चीखें बाहर आ रही थी. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था.तीन रेल यात्रियों का शव सन्हौला थाना क्षेत्र के महियामा गांव तो एक युवक का शव नवगछिया के खरीक अंतर्गत राघोपुर गांव पहुंचा. मृतक की मां अपने बेटे के शव को देखते ही बेहोश हो गयीं. सनोखर के 7 मृतकों में 3 के शव पहुंचे हैं.
सन्हौला थाना क्षेत्र स्थित महियामा गांव के चार युवकों में तीन का शव एक-एक कर उनके गांव पहुंच गया. एक शव गुरुवार को भेजा जा सकता है. शव आने के बाद पूरे गांव में मातम पसरा दिखा. महियामा गांव के चार युवकों की मौत बीते गुरुवार को ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे में हो चुकी है. जब उनके शव एक-एक करके गांव पहुंचने लगे तो कहलगांव में गंगा किनारे सबका दाह-संस्कार संपन्न किया गया.
पहले अमलेश कुमार का शव आया. उसके बाद राकेश कुमार और सोनू कुमार का शव पहुंचा. सरमोद मंडल का शव बालासोर से भेजा जा चुका है. सरमोद के शव को पहचान करने में काफी समस्या हुई. परिजनों का डीएनए टेस्ट करा कर डीएनए मिलान करने व सारी जांच प्रक्रिया पूरी होने के पश्चात परिजनों को शव सौंपा गया. डीएनए टेस्ट की वजह से शव भेजने में विलंब हुआ. सनोखर थाना क्षेत्र के 7 मजदूरों में 3 का शव भी भेजा जा चुका है. जबकि 4 शव का आना बाकी है.
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वहीं नवगछिया अंतर्गत खरीक के राघोपुर निवासी मो कारे उर्फ सकुर के पुत्र मो गफ्फार (22 ) की मौत भी ओडिशा रेल हादसे में हुई है. मंगलवार को राघोपुर कब्रिस्तान में जनाजे की नमाज के बाद अंतिम संस्कार कर दफना दिया गया. शव यात्रा में इलाके के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.गफ्फार की मां जहाना खातून का रो-रोकर बुरा हाल है. वो बेटे का शव देखते ही बेहोश हो गयी. बेटे के सदमे में उनकी तबीयत बिगड़ गयी है.