भागलपुर. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी भागलपुर (ट्रिपल आइटी) ने बुधवार को तकनीकी क्षेत्र में सहयोग के लिए आईआईटी पटना के टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन हब के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया. समझौता के बाद दोनों संस्थान मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ), मशीन लर्निंग, स्मार्ट मैटेरियल्स व अन्य क्षेत्र में अनुसंधान करेंगे. यह समझौता आइअाइटी पटना के संगोष्ठी कक्ष में ट्रिपल आइटी भागलपुर के निदेशक प्रो अरविंद चौबे व आईआईटी पटना के निदेशक प्रो टीएन सिंह के बीच हुआ. एमओयू में आईआईटी पटना के इनक्यूबेशन हब के परियोजना निदेशक प्रो जवार सिंह, ट्रिपल आइटी के रिसर्च एंड डेवलपमेंट के एसोसिएट डीन डॉ संदीप राज, आईआईटी पटना के रिसर्च एंड डेवलपमेंट डीन डॉ अनूप केशरी व साई किरण शामिल हुए.
एमओयू के तहत ट्रिपल आइटी भागलपुर का कोई फैकल्टी, स्टाफ और छात्र एक स्टार्ट अप कंपनी शुरू कर सकता है, उसे 10 लाख से पांच करोड़ रुपये तक की आर्थिक मदद दी जायेगी. यूजी, पीजी और पीएचडी छात्रों को इनोवेटिव आइडिया की खोज के लिए फेलोशिप भी मिलेगा. हाल ही में ट्रिपल आइटी भागलपुर ने सरकार की ओर से आत्मनिर्भर भारत और डिजिटल इंडिया पहल के तहत स्वास्थ्य सेवा, कृषि के क्षेत्र में सॉफ्टवेयर विकसित कर समस्याओं के समाधान तलाशने में लगा है.
ट्रिपल आइटी भागलपुर के निदेशक ने कहा कि हमारा संस्थान किसी भी सहयोगात्मक कार्य के लिए आईआईटी पटना के साथ कड़ी मेहनत करेगा. संस्थान ने COVID-19 डिटेक्शन सॉफ्टवेयर विकसित करके आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) के क्षेत्र में जबरदस्त काम किया है. ट्रिपल आइटी भागलपुर भविष्य में एआई का उपयोग कर कई स्वास्थ्य देखभाल उपकरण और सॉफ्टवेयर विकसित करेगा. उन्होंने रिमोट सेंटर खोलने के लिए आईआईटी पटना का स्वागत किया. ट्रिपल आइटी भागलपुर इस कार्य के लिए जगह आवंटित करेगा.
आईआईटी पटना के निदेशक प्रो टीएन सिंह ने कहा कि ट्रिपल आइटी भागलपुर ने एआई, डेटा साइंस के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम कर रहा है. समाजिक मुद्दों के समाधान के लिए दोनों संस्थानों के संकाय सदस्य, छात्र संयुक्त रूप से काम कर सकते हैं. यदि विचार अभिनव है, तो आईआईटी पटना भी बेहतर परियोजना को ट्रिपल आइटी भागलपुर को निधि दे सकता है. इंक्यूबेशन कार्य के लिए आईआईटी पटना की ओर से भागलपुर में रिमोट सेंटर खुलेगा