बिहार: भागलपुर के जगदीशपुर थाना क्षेत्र के कुख्यात अपराधी रणवीर राय की गिरफ्तारी को लेकर सोमवार शाम सिटी एसपी कार्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. इस दौरान डीएसपी विधि व्यवस्था डॉ गौरव कुमार भी मौजूद थे. प्रेस वार्ता के दौरान पुलिस द्वारा किस तरह से सुनियोजित तरीके से रणवीर की गिरफ्तारी की गयी, साथ ही उसके आपराधिक इतिहास और भागलपुर-बांका सहित झारखंड राज्य के बड़े कुख्यात अपराधियों और माफियाओं के साथ सांठ-गांव है, इसकी जानकारी दी गयी.
सिटी एसपी अमित रंजन ने बताया कि सालों से फरार जगदीशपुर क्षेत्र का कुख्याल लाल वारंटी अपराधी रणवीर राय के अकबरनगर क्षेत्र के पैन गांव स्थित अपने ससुराल में छिपे होने की जानकारी एसएसपी को मिली थी. उनके निर्देश पर डीएसपी विधि व्यवस्था के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया. चार थानों की पुलिस सहित वज्र टीम, डीआइयू सेल और थानों के रिजर्व आर्म्ड फोर्स के 50 से अधिक जवान शामिल थे. जिस घर से वह पकड़ा गया वह किसी फौजी का घर था, जिसमें एक वृद्ध औरत रह रही थी. उसके पास से दो देसी कट्टा और एक दर्जन जिंदा कारतूस भी बरामद किये गये. उक्त मामले में अकबरनगर थाना में अलग से केस दर्ज किया गया है. पुलिस की पूछताछ में कई नाम सामने आ रहें हैं. मामले में हुई कार्रवाई को लेकर डीएसपी विधि व्यवस्था डॉ गौरव कुमार के नेतृत्व में गठित टीम में बाइपास टीओपी प्रभारी एसआइ ओमप्रकाश कुमार, अकबरनगर थानाध्यक्ष एसआइ प्रियरंजन, शाहकुंड थानाध्यक्ष एसआइ पंकज कुमार, जगदीशपुर थानाध्यक्ष एसआइ अमित कुमार, वज्र बी दल के प्रभारी एसआइ सुरज सिंह, डीआइयू के एसआइ सुशील राज, सिपाही बच्चन कुमार और अभिमन्यु कुमार सहित कई अन्य पदाधिकारी और बल मौजूद थे.
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सिटी एसपी अमित रंजन ने बताया कि कुख्यात अपराधी रणवीर राय के भागलपुर, बांका सहित झारखंड राज्य में करीब दो दर्जन कांडों में संलिप्त होने की जानकारी गुप्त सूत्रों ने दी है. वहीं पुलिस द्वारा इस बाबत जांच की जा रही है. भागलपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार अपराधी के आपराधिक इतिहास के बारे में अब तक 10 कांडों में संलिप्तता की जानकारी मिली है. इनमें जगदीशपुर थाना में वर्ष 2004 में आर्म्स एक्ट कांड, 2005 में हत्याकांड, 2012 में दो रंगदारी व आर्म्स एक्ट के मामले, रजौन थाना में वर्ष 2010 में दर्ज रंगदारी व एससी/एसटी एक्ट का मामला, 2015 में आर्म्स एक्ट व बालू चोरी का कांड, 2008 में दंगा व हत्या का प्रयास, 2006 में हत्या व आर्म्स एक्ट, बांका थाना में 2010 में हत्या कर साक्ष्य छिपाने का आरोप, बांका कोर्ट में 2009 में हत्या के कांड का आरोपित रह चुका है. यह भी बताया जा रहा है कि रणवीर राय ने जगदीशपुर, अकबरनगर सहित बांका जिला में कई दुष्कर्म के घटनाओं को भी अंजाम दिया था.
रणवीर राय पिछले कई सालों से फरार था. सूत्रों कि माने तो रणवीर पहले अपराधी नहीं बल्कि फौजी थी. उसका फौजी से अपराधिक सफर काफी चर्चित रहा था. सेना मे नौकरी होने के साथ ही उसकी शादी हो गयी थी. बावजूद वह प्रेम प्रसंग में पर पड़ गया. फिर उसकी नौकरी चली गयी और वह बेरोजगार हो गया. जब पैसे के लाले पड़े तो उसने अपराध का रास्ता अख्तियार कर लिया. उसने आसपास के गांवों में रंगदारी भी मांगी. इस दौरान उसने पहली हत्या जगदीशपुर के कन्हैया साह की कर दी. तब से रणवीर के नाम का खौफ शुरू हुआ. फिर सिंहनान के झा जी का मर्डर कर दिया. धोबीडीह में एक सिंचाई विभाग के दलित एसडीओ पर जानलेवा हमला कर दिया. उन्होंने भी रंगदारी देने से मना किया था. उन्होंने एससी-एसटी व अन्य धाराओं मे रणवीर के खिलाफ केस दर्ज कराया था. इस बीच में उसका नाम बांका में चर्चा में आया जब एक लड़की की हत्या हुई. सजौर थानाक्षेत्र के एक लडकी की बांका के समुखिया मे गैंगरेप कर हत्या कर दी गयी थी. इसमें भी रणवीर का नाम आया था.