जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड से मंगलवार को कोरोना पॉजिटिव मरीज भाग गया. इसकी सूचना मिलते ही यहां के अधिकारी और कर्मी के हाथ पांव फूलने लगे.मामले की जानकारी अस्पताल अधीक्षक डॉ आरसी मंडल को दी गयी.अधीक्षक ने बरारी थाना को मरीज के बारे में पूरी जानकारी देते हुए खोजबीन करने के लिए पत्र दिया है. आइसोलेशन वार्ड में दो निजी एजेंसी का गार्ड तैनात रहता है. उपर से पलिस का पहरा. गेट का पूरी तरह से खोला भी नहीं जाता है. वार्ड से बाहर निकलने का एक मात्र यहीं रास्ता है. इसके बाद मरीज यहां से भाग गया. इससे यहां की सुरक्षा व्यवस्था को आसानी से समझा जा सकता है.
शाहकुंड प्रखंड के दासपुर गांव का था मरीज:
शाहकुंड प्रखंड के दासपुर गांव का 28 साल का मरीज कोरोना वार्ड में भर्ती था. 27 मई को इसकी कोरोना जांच रिपोर्ट आयी जिसमें यह पॉजिटिव निकला था. इसके बाद इसे 28 मई को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था. डॉ राजकमल चौधरी की यूनिट में इसे भर्ती किया गया था. इसके साथ एक और पॉजिटिव मरीज कमरे में रहता था. मंगलवार एक कमरे में रह रहे दोनों मरीजों को दोबारा सैपलिंग कराने के लिए कमरे से निकाला गया. इनमें से एक को कर्मी लेकर एक्स रे कराने गया. लापरवाही यह हुई कि मरीज को लेकर कर्मी चले गये और कमरे का दरवाजा खुला ही छोड़ दिया. इसका फायदा उठा कर शाहकुंड का कोरोना पॉजिटिव मरीज भाग गया. यहां के कर्मी गये तो देखा कमरे में लगा शीशा टटा था. हालांकि शीशा के साथ लोहे का रडभी लगा था. तीन मंजिल होने के कारण यह मरीज इस ओर से नहीं भाग पाया होगा.भागा मरीज अस्पताल के ड्रेस में भी नहीं था. अधीक्षक के निर्देश पर हॉस्पिटल मैनेजर सुनील कुमार गुप्ता ने इसकी लिखित जानकारी बरारी थाना पलिस को दी.आवेदन में मरीज का नाम पता और पूरी जानकारी दी गयी है. वहीं फरार मरीज के साथ रह रहा दूसरे कोरोना पॉजिटिव मरीज से अस्पताल प्रबंधन ने पूछताछ की. इसने बताया कि फरार मरीज भी हम लोगों के साथ ही बाहर आया था. इसके बाद वह कहां गया इसकी जानकारी हमें नहीं है.
गार्ड और कर्मी के बीच कैसे फरार हो गया पॉजिटिव :
तीन मंजिल इस भवन को बेहद सुरक्षित माना जाता है. वार्ड के अंदर कोई भी बिना गार्ड की अनुमति के प्रवेश नहीं कर सकता है. वहीं पिछले दिनों एसएसपी ने भी आधे दर्जन जवानों को पीपीइ किट पहना कर यहां तैनात किया था. फिर भी मरीज फरार हो गया. ऐसे में अगर यह पॉजिटिव मरीज अपने घर या किसी और के संपर्क में चला गया तो कोरोना वायरस का चेन लंबा हो जायेगा. मरीज ने जो मोबाइल नंबर अस्पताल प्रबंधन को दिया था वह इतने दिनों बाद गलत बता रहा है. जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल से फरार कोरोना पॉजिटिव मरीज इसके पहले भी भागने का प्रयास कर चुका है. अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावास में जब लैब टेक्निशियन इसका सैंपल ले रहे थे तो उस समय भी यह विरोध कर रहा था. बार बार भागने का प्रयास कर रहा था. अंत में पलिस की सख्ती के बाद इसका सैंपल लिया जा सका. वहीं यहां भर्ती होने के बाद दो से तीन बार मरीज भागने का प्रयास कर चुका था. अंतत: वह भाग ही गया.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya