Bihar Assembly Protest: बिहार विधानसभा में मंगलवार को वो हुआ जो पहले कभी नहीं हुआ. नीतीश सरकार के बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक के विरोध में विधानसभा के बाहर से लेकर अंदर तक जो कुछ हुआ उसने लोकतंत्र को तार-तार कर दिया. बताया जा रहा है कि विधानसभा के इतिहास में पहली बार इस तरह का बवाल हुआ है. दिन भर में 4 बार कार्यवाही स्थगित होने के बाद विपक्ष के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को उनके ही चैंबर में बंधक बना दिया. इस दौरान पुलिस को बुलाया गया.
पटना डीएम और एसएसपी समेत भारी पुलिस फोर्स सदन के अंदर पहुंची. विपक्ष के कई विधायकों ने सदन में पहुंचे डीएम और एसएसपी के साथ बदसलूकी भी की. विधानसभा चैंबर के बाहर मौजूद विपक्षी विधायकों को हटाने के लिए मार्शल को भी बुलाया गया. वहां पहुंचे दर्जनों मार्शलों ने विपक्षी दलों के सदस्यों को वहां से हटाने की कोशिश की तो भिड़ गए.
#WATCH RJD MLA Satish Kumar carried on a stretcher from Bihar Assembly after he was allegedly manhandled by "police and local goons" inside the Assembly during protest against Bihar Special Armed Police Bill 2021.
— ANI (@ANI) March 23, 2021
"See how an elected representative was treated today," he says pic.twitter.com/WlJe1ly6DH
इसके बाद एक-एक कर विपक्ष के विधायकों को सुरक्षाकर्मी बाहर फेंकने लगे. इसी में मारपीट होने लगी और मखदुमपुर से राजद विधायक सतीश कुमार दास बेहोश हो गए. कई अन्य राजद विधायकों को भी चोटें आईं. खबर लिखे जाने तक जबरदस्त हंगामा जारी है. विधानसभा में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. सदन में मौजूद महिला विधायकों को बारी बारी से बाहर निकाला जा रहा है.
कहा तो ये भी जा रहा है कि सत्ता पक्ष औऱ विपक्ष के विधायकों के बीच मारपीट भी हुई. इसके बाद एक-एक कर विपक्ष के विधायकों को सुरक्षाकर्मी बाहर फेंकने लगे. इसी में मारपीट होने लगी और मखदुमपुर से राजद विधायक सतीश कुमार दास बेहोश हो गए. कई अन्य राजद विधायकों को भी चोटें आईं. इससे पहले विपक्ष ने बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक के विरोध में न केवल जमकर हंगामा किया बल्कि उसकी प्रति भी फाड़ दी, जिसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.
Also Read: Bihar Assembly Protest: बिहार में सड़क ही नहीं, सदन में भी जबरदस्त हंगामा, विधानसभा में विपक्षी नेताओं ने मचाया उत्पात, मर्यादा तार-तारPosted by: Utpal kant