बिहार के भागलपुर में एसएच-84 घोघा-पंजवारा पथ निर्माण को लेकर दूसरे दिन प्रशासन का बुलडोजर सुबह 10 से शाम छह बजे तक चला. आरओबी के समीप एक दर्जन से ज्यादा अधिग्रहित मकानों को तोड़ा तथा सड़क निर्माण के लिए रैयतों के कब्जे से जमीन और मकान खाली कराया गया. बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन के द्वारा लोगों को घरों से जबरदस्ती निकाल निकाल कर मकान को तोड़ा जा रहा था. इससे आक्रोशित लोगों ने पत्थरबाजी तक कर दी.
पुनर्वास की मांग कर रहे बबली देवी, प्रेमलता देवी, अरुण साह, गुरुदेव साह, खूबलाल मंडल, रामशीष यादव, चिजो मंडल, गोरख यादव ने उचित मूल्यांकन की बात करते हुए पुनर्वास की मांग करते रहे. अपनी मांगों को जारी रखते हुए विरोध प्रकट कर पुलिस से उलझ गये. अरुण साह, गुरुदेव साह, संतोष साह का जब मकान टूटने की बारी आयी, तो पुलिस पर पथराव कर दिया. इस घटना में कई लोग चोटिल हो गये. सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित मकानों को तोड़ने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. विस्थापित परिवारों को घर से निकालने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. विस्थापित परिवार की महिलाओं को महिला पुलिस कर्मियों ने जबरन घर से निकाला, तब जाकर मकान तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गयी. इस दौरान पुलिस से कई बार नोकझोंक भी हुई.
कार्रवाई में जिन-जिन मकानों को तोड़ा गया, सभी परिवार का सामान सड़क के किनारे बिखरा पड़ा है. कर्ई अपने रिश्तेदार के घर सामान भेज रहे, तो कोर्ई पत्नी बच्चों को सामान लेकर ससुराल भेजते देखा गया. मकान मालिक ललिता देवी कहती है कि हमारे पास रहने का अब कोई विकल्प नहीं है. हम अब कहां जायेंगे. हम पूरी तरह से बेघर हो गये. दिन तो किसी तरह गुजार लेगें, लेकिन रात में परेशानी बढ़ जायेगी. खासकर महिला सदस्यों के समक्ष ज्यादा परेशानी होगी. मौके कहलगांव सीओ, राम अवतार यादव, घोघा, सन्हौला व रसलपुर पुलिस के अलावा एसआरएफ पुलिस टीम, बजरा टीम कहलगांव, दंगा नियंत्रक बल मौजूद थे.
रिपोर्ट: निलेश प्रताप यादव