17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bihar Cabinet Expansion: नीतीश कैबिनेट में पूर्व IPS को जगह, लेकिन पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडेय को न विधायकी मिली ना मंत्री पद, VRS लेकर JDU में आए थे

Bihar Cabinet Expansion:बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वीआरएस (VRS) लेकर जदयू (JDU) का दामन थामने वाले पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय (Former DGP Gupteshwar Pandey) नीतीश कैबिनेट विस्तार (Nitish Cabinet Expansion) के साथ ही चर्चा में आ गए. रिटायरमेंट से पांच माह पहले राजनीति में आने वाले गुप्तेश्वर पांडेय को ना ही विधायकी का टिकट मिला और ना ही नीतीश मंत्रिमंडल में जगह मिली.

Bihar Cabinet Expansion:बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वीआरएस लेकर जदयू का दामन थामने वाले पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय (Former DGP Gupteshwar Pandey) नीतीश कैबिनेट विस्तार (Nitish Cabinet Expansion) के साथ ही चर्चा में आ गए. रिटायरमेंट से पांच माह पहले राजनीति में आने वाले गुप्तेश्वर पांडेय को ना ही विधायकी का टिकट मिला और ना ही नीतीश मंत्रिमंडल में जगह मिली. हालांकि अभी भी कैबिनेट में पांच मंत्री सीट खाली है लेकिन उनका मंत्री बनना असंभव सा लग रहा है.

इधर, गु्प्तेशवर पांडेय के ही बैच के और बिहार के पूर्व डीजी रहे सुनील कुमार को नीतीश कुमार ने मंत्री बना दिया. 1987 बैच के आईपीएस सुनील कुमार पुलिस की नौकरी से 31 जुलाई 2020 को रिटायर हुए थे. रिटायर होने के 29 बाद यानी 29 अगस्त 2020 को उन्होंने जदयू की सदस्यता ग्रहण की थी. उन्हें गोपालगंज जिले के भोरे सीट से टिकट भी मिला और जीत भी गए. और अब उन्हें नीतीश कैबिनेट में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग का मंत्री बनाया गया है. बिहार में पूर्ण शराबबंदी की जिम्मेवारी अब उनके कंधे पर है.

वहीं, 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडेय ने चुनाव से पहले 22 सिंतबर 2020 को स्वैच्छिक सेवानिवृति यानी वीआरएस वीआरएस लेकर 27 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में जदयू ज्वाइन किया था. इसी के बाद से चर्चा चल रही थी कि वे जदयू से बक्सर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में होंगे. लेकिन बक्सर की सीट बीजेपी के खाते में चली गई. नतीजा ये हुआ कि कयास लगते रहे मगर जदयू ने उन्हें किसी भी सीट से प्रत्याशी घोषित नहीं किया. उसके बाद कई बार कयास लगाए गए कि उन्हें एमएलसी बनाया जा सकता है. लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ.

कयास थे कि मंत्री पद देकर मनोनयन से एमएलसी बनाया जा सकता है लेकिन उसके आसार काफ कम लग रहे हैं. अब देखना होगा कि इस मामले में गुप्तेश्वर पांडेय का कोई बयान सामने आता है या नहीं. बचा दें कि गुप्तेश्वर पांडेय सुशांत सिंह राजपूत केस में काफी सुर्खियों में रहे थे.फेम इंडिया नाम की संस्था ने 2020 में तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को देश के 50 चर्चित भारतीयों की सूची में टॉप 10 में शामिल किया था.

Posted By: Utpal kant

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें