बिहार में लगभग डेढ़ दशक बाद मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने जमीन व फ्लैट की रजिस्ट्री नियमावली में संशोधन किया है. अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सोमवार को इसका गजट जारी किया है. इसके तहत सभी डिस्ट्रिक्ट व मुफस्सिल सब रजिस्ट्रार को बिहार रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) नियमावली 2023 को लागू करने का आदेश दिया है. इसके तहत अब जमीन व फ्लैट के लिए जो दस्तावेज तैयार होंगे, वे सरकार से तय मॉडल डीड के प्रारूप में ही रहेंगे. पहले कातिब अपनी भाषा में अपने अनुसार दस्तावेज तैयार करते थे. इस पर विभाग ने संशोधित नियमावली के तहत रोक लगा दी है.
गजट में कहा गया है कि कातिब, वकील या फिर मुख्तार जमीन रजिस्ट्री के लिए जो भी दस्तावेज तैयार करेंगे, उसका प्रारूप मॉडल डीड के अनुसार ही रहेगा. इसके अलावा भी कुछ शब्दों को बिहार रजिस्ट्रीकरण नियमावली 2008 को संशोधन करते हुए विलोपित किया गया है. अपर मुख्य सचिव के द्वारा जारी आदेश में सभी डिस्ट्रिक्ट व मुफस्सिल सब रजिस्ट्रार को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया है. बताया जा रहा है कि मॉडल डीड के प्रारुप के तहत जमीन की रजिस्ट्री का पेपर तैयार करने से जमीन रजिस्ट्री में होने वाले हेरा-फेरी पर पूरी तरह से रोक लग जाएगा. इसके साथ ही, जमीन के खरीदार और विक्रेता दोनों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.
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जमीन की रजिस्ट्री में पारदर्शिता लाने के लिए अब आधार को इससे जोड़ दिया गया है. बिना खरीदरार और विक्रेता के आधार नंबर के जमीन की खरीद और बिक्री संभव नहीं होगी. इसके साथ ही, पहले जमीन रजिस्ट्री में गवाह की जरूरत होती थी. अब इसमें गवाह की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे खरीदारों और विक्रेता को बड़ी राहत मिली है.