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लॉकडाउन लगाने वाला बिहार 9वां राज्य, नीतीश सरकार का ये फैसला जरूरी या मजबूरी?

Bihar Lockdown: बिहार कंपलीट लॉकडाउन लगाने वाला देश का 9वां राज्य है. इससे पहले महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गोवा, कर्नाटक और झारखंड जैसे राज्यों में लॉकडाउन लागू है. अब सवाल ये है कि क्या बिहार में लॉकडाउन का फैसला जरूरी था?

बिहार में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को राज्य में 15 मई तक लॉकडाउन का एलान किया. इससे पहले सोमवार को सीएम नीतीश ने पटना की सड़कों पर उतरकर स्थिति का जायजा लिया था. इसके बाद उन्होंने दोनों डिप्टी सीएम और अधिकारियों के साथ मीटिंग कर लॉकडाउन लगाने का फैसला किया. बिहार कंपलीट लॉकडाउन लगाने वाला देश का 9वां राज्य है.

इससे पहले महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गोवा, कर्नाटक और झारखंड जैसे राज्यों में लॉकडाउन लागू है. अब सवाल ये है कि क्या बिहार में लॉकडाउन का फैसला जरूरी था? सीएम नीतीश के इस फैसले पर प्रमुख विपक्ष दलों सहित जीतनराम मांझी की पार्टी हम ने सवाल उठाया है.

बता दें कि बिहार में लगातार बढ़ते कोरोना के केस को देखते हुए पटना हाई कोर्ट ने सरकार से लॉक डाउन को लेकर मंगलवार को जवाब मांगा था. इस जवाब से पहले ही मुख्यमंत्री ने 15 मई तक लॉकडाउन का एलान कर दिया. हालांकि लॉकडाउन के फैसले के बाद कई राजनीतिक दलों ने नीतीश सरकार पर हमला बोला है.

गौरतलब है कि बिहार में लॉकडाउन की मांग लगातार हो रही थी. माले को छोड़ पूरा विपक्ष लॉकडाउन के पक्ष में था. सभी यह चाहते थे कि ऐसा लॉकडाउन हो कि पिछली बार की तरह मजदूरों को आने में परेशानी न हो, निम्न आय वालों को खाने की दिक्कत नहीं हो. अभी जो लॉकडाउन लगाया गया है, उसके तहत सरकार ने जन वितरण के तहत उपलब्ध होने वाले अनाज के लिए कोई भी राशि नहीं देने को कहा है. यह सरकार की ओर से फ्री है.

Bihar Me Lockdown: आखिरकार लेना पड़ा फैसला

इससे पहले बिहार सरकार ने काफी कोशिश की कि लॉकडाउन नहीं लगाना पड़े, लेकिन बिहार में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा. अप्रैल माह में चार बार कड़े प्रतिबंध जारी किए. इसके बाद भी बिहार में एक्टिव मरीजों की संख्या करीब सवा लाख होचुकी है. बड़ी संख्या में डॉक्टरों की भी मौत हो रही है। ऑक्सीजन की किल्लत, अस्पताल में बेड की कमी, दवाओं की किल्लत से बिहार चौतरफा जूझ रहा है. सरकार की ओर से सुविधाएं पहले से ज्यादा की गईं, बेड भी बढ़ाए गए, आईजीएमस जैसे अस्पताल में कोरोना का इलाज फ्री किया गया, लेकिन अभी भी यह नाकाफी साबित हुए.

सरकार ने अपनी पूरी ताकत लगा दी कि प्रधानमंत्री के कहे अनुसार लॉकडाउन से परहेज किया जाए, लेकिन कोरोना से बिगड़ती स्थितियों की वजह से लॉकडाउन मजबूरी हो गया. इधर, पटना हाईकोर्ट ने भी पूछा था कि आखिर लॉकडाउन क्यों नहीं लगाया जा रहा है. डॉक्टरों के संगठन आईएमए ने 15 दिन लॉकडाउन की मांग की थी.

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Posted By: Utpal Kant

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