Bihar News, NFHS Report 2020: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएचएफएस-5) 2019-20 में बिहार के लिए कुछ अच्छा है तो वहीं कुछ आंकड़े चिंताजनक तस्वीर पेश करते हैं. आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में महिला के खिलाफ हिंसा और बच्चों की मौत में कमी आयी है लेकिन 69 फीसदी बच्चे और 63 फीसदी महिलाएं रक्त की कमी (एनीमिया) की शिकार हैं.
टेंशन की बात यह है कि यह आंकड़ा घटने की बजाय बढ़ रहा है. एनएफएचएस सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में 6 से 59 माह के 69.4 फीसदी बच्चे एनीमिया की चपेट में हैं. जबकि 2015-16 में हुए एनएचएफएस-4 सर्वेक्षण में 63.5 फीसदी बच्चे ही इस समस्या से ग्रस्त थे. बीते चार साल के दौरान इसमें करीब छह फीसदी की बढोत्तरी हो गई.
रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में बच्चों में ही नहीं महिलाओं में भी एनीमिया की दर बढ़ी है. एनएचएफएस-4 में राज्य में 15-49 उम्र वर्ग की 60.3 फीसदी महिलाएं रक्त की कमी से ग्रस्त थीं. यह आंकड़ा अब बढ़कर 63.5 फीसदी दर्ज किया गया है. इसी प्रकार 63.1 फीसदी गर्भवती महिलाएं एनीमिक पाई गई हैं, जबकि पिछले सर्वे में यह प्रतिशत 58.3 फीसदी था.
बिहार में महिला हिंसा में भी कमी आयी है. रिपोर्ट में बताया गया है 18-49 वर्ष की 40 फीसदी महिलाएं पतियों द्वारा की गयी घरेलू हिंसा की शिकार हो रही हैं. चार साल पहले यह आंकड़ा 43.7 फीसदी था. शनिवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 20.6 फीसदी महिलाएं और 43.6 प्रतिशत पुरुष इंटरनेट चलाते हैं. शहरी क्षेत्रों की 38.4 महिलाएं और ग्रामीण क्षेत्र की 17 फीसदी महिलाएं इंटरनेट का इस्तेमाल कर रही हैं, जबकि शहरी क्षेत्र में 58.4 और ग्रामीण क्षेत्र में 39.4 पुरुष इंटरनेट चला रहे हैं.
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बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी कुरीति के खिलाफ सीएम नीतीश कुमार द्वारा चलाये गये सामाजिक अभियान का असर दिखने लगा है. पिछले पांच साल के दौरान राज्य में बाल विवाह में गिरावट दर्ज हुई है. एनएचएफएस-5 की रिपोर्ट में बताया गया है कि बिहार में 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों की शादी में करीब दो प्रतिशत तो 21 वर्ष से कम उम्र के लड़कों की शादी में करीब पांच प्रतिशत की कमी आयी है.
रिपोर्ट में महिला विकास के कई मानकों में सुधार के संकेत मिले हैं. रिपोर्ट में एनएचएफएस-4 (2015-16) से तुलनात्मक आंकड़े जारी किये गये हैं. इसमें बताया गया है कि बिहार में 18 वर्ष से कम उम्र की 40.8 फीसदी लड़कियों की शादी हो रही है, जो 2015-16 में 42.5 प्रतिशत होती थी. इसी प्रकार 21 वर्ष से कम उम्र के 30.5 प्रतिशत लड़कों की शादी हो रही. चार साल पहले यह आंकड़ा 35.3 प्रतिशत था.
Posted By: Utpal kant