Bihar Teacher News: बिहार में शिक्षक भर्ती की परीक्षा का रिजल्ट घोषित होने के बाद BPSC ने पांच और शिक्षक अभ्यर्थियों से जवाब मांगा है. साथ ही इन्हें नोटिस भेजा गया है. बीपीएससी ने पांच और शिक्षक अभ्यर्थियों से स्पष्टीकरण मांगा है. इसी के साथ ऐसे अभ्यर्थियों की कुल संख्या नौ हो गयी है. बता दें कि बीपीएससी ने पहले चरण में ऐसे चार अभ्यर्थियोंं को चिह्नित किया था. साथ ही इनपर शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में असफल रहने पर बीपीएससी और उसके अध्यक्ष पर अनर्गल और तथ्यहीन आरोप लगाने और उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास करने की बात कहते हुुए एक सप्ताह में अपनी सफाई देने को कहा था और पूछा था कि क्यों नहीं इसको लेकर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाये. नौ अभ्यर्थियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. इनमें मामून रशीद, पिंकी कुमारी, रिजवान आलम, सतीश कुमार, सुरेश कुमार सिंह, सिकंदर कुमार, वीर धनंजय कुमार, मो. सरफराज आलम और किशोर कुमार शामिल हैं.
बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से प्रदेश के पांच शिक्षक अभ्यर्थियों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. इनपर बीपीएससी की छवी को खराब करने का आरोप है. इनके बारे में कहा गया है कि इन्होंने बिना साक्ष्य के ही सवाल उठाया है. बताया जाता है कि कई अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर चयन प्रक्रिया और रिजल्ट को लेकर बिना साक्ष्य ही आरोप लगाया था. इनके सवाल निराधार थे. इस कारण बीपीएससी की छवि धूमिल हुई है. इसलिए इन्हें कारण बनाओ नोटिस भेजा गया है.
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बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से इन अभ्यर्थियों के आरोप को निराधार बताया गया है. बीपीएससी का कहना है कि इनकी ओर से लगाए गए सभी टिप्पणी और आरोप गलत है. ऐसे निराधार बातों के कारण विश्वसनीयता मलिन होती है. इस कारण इन्हें सात दिन के भीतर ही जवाब देने को कहा गया है. आयोग ने सभीशिक्षक अभ्यर्थियों से सात दिन के अंदर ही जवाब मांगा है. बीपीएससी को यह ईमेल या डाक के माध्यम से अपना स्पष्टीकरण दे सकते हैं. इन अभ्यर्थियों की ओर से अगर जवाब नहीं दिया जाता है तो इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही इन्हें आगामी परीक्षा से वंचित किया जा सकता है. राज्य में शिक्षक पदों पर नियुक्ति के लिए प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 24, 25 और 26 अगस्त को आयोग ने परीक्षा का आयोजन किया था. इसमें यह अभ्यर्थी भी शामिल हुए थे.
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वहीं, इससे पहले बीस शिक्षक अभ्यर्थियों के खिलाफ आयोग की ओर से कार्रवाई भी की गई थी. 20 शिक्षक अभ्यर्थियों का नाम काली सूची में डाला दिया गया. बीपीएससी की ओर से इनके नामों को वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया गया. यह अभ्यर्थी इसके बाद अगले पांच सालों तक बीपीएससी की ओर से आयोजित परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते हैं. दरअसल, यह बीस अभ्यर्थी फर्जीवाड़े में पकड़े गए थे. इसके बाद ही इनके खिलाफ बीपीएससी ने बड़ी कार्रवाई की. आयोग के अनुसार इन 20 में से 10 अभ्यर्थी ऐसे है, जो किसी दूसरे के बदले परीक्षा में शामिल हुए थे. पांच अभ्यर्थियों के आधार कार्ड में अंतर पाया गया था. वहीं, पांच अभ्यर्थी ऐसे थे, जिन्होंने अपनी पहचान गलत बताई थी. इसके बाद ही आयोग की ओर से इनके खिलाफ कार्रवाई की गई. इन अभ्यर्थियों का सत्यापन असफल पाया गया था. पहले ही आयोग की ओर से चेतावनी भी दी गई थी कि सत्यापन में असफल होने के बाद अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी. दूसरे की जगह परीक्षा देने, आधार कार्ड में गड़बड़ी जेसे कारणों के कारण अभ्यर्थियों पर कार्रवाई हुई की जा चुकी है. मालूम हो कि आठ लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन किया था. इसके बाद 24 अगस्त 2023 को परीक्षा का आयोजन किया गया.