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बिहार में एक दशक से अटकी दो एनएच परियोजनाएं जून 2024 तक होंगी पूरी, इन जिलों के लोगों को होगी सहूलियत

बिहार में एक दशक पहले शुरू की गई दो नेशनल हाइवे परियोजना का का निर्माण जून 2024 में पूरा होने की संभावना है. दिल्ली में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मुलाकात के बाद नितिन गडकरी ने अधिकारियों को तेजी से कार्य करने का निर्देश दिया था.

बिहार में हाजीपुर-मुजफ्फरपुर एनएच-77 में मुजफ्फरपुर बाइपास का निर्माण इस साल नवंबर और छपरा-हाजीपुर एनएच-19 का निर्माण जून 2024 में पूरा होने की संभावना है. इन दोनों सड़क परियोजनाओं का काम जल्द पूरा करवाने को लेकर हाल ही में राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर अनुरोध किया है. इस पर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने अधिकारियों को तेजी से काम पूरा करवाने का निर्देश दिया है. दोनों परियोजनाएं करीब दस साल से अटकी हुई हैं.

दोनों सड़क परियोजनाओं में जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा

सूत्रों के अनुसार दोनों सड़क परियोजनाओं में जमीन अधिग्रहण हो चुका है, लेकिन जमीन का मुआवजा वितरण पूरा नहीं हुआ है. साथ ही अधिग्रहीत जमीनों की दाखिल -खारिज भारत के राष्ट्रपति के नाम से अब तक नहीं हुई है. दोनों सड़कों में काम चल रहा है, लेकिन इसकी गति धीमी है. इसे लेकर पिछले दिनों एनएचएआइ के अनुरोध पर मुख्य सचिव के स्तर पर समीक्षा कर जिला प्रशासन को जमीन का मुआवजा बांटने का निर्देश दिया गया था.

मुजफ्फरपुर बाइपास

मुजफ्फरपुर बाइपास हाजीपुर-मुजफ्फरपुर एनएच-77 का हिस्सा है. इस बाइपास का निर्माण करीब 180 करोड़ रुपये की लागत से करीब 17 किमी लंबाई में हो रहा है. इसमें से करीब छह किमी लंबाई में बाइपास का 2014 में ही निर्माण हो चुका है. फिलहाल इसमें फ्लाइ ओवर, दाे बड़े पुल और एक रेल ओवरब्रिज का निर्माण हो रहा है. इसके बाद बाइपास के निर्माण की समस्या हल हो जायेगी.

इस बाइपास के बनने से मुजफ्फरपुर शहर में ट्रैफिक का दबाव घटेगा. साथ ही नेपाल आना-जाना भी आसान हो जायेगा. साथ ही पटना से नेपाल, पूर्णिया सहित गोपालगंज होकर उत्तर प्रदेश जाने-आने वालों को सुविधा होगी. वहीं सीतामढ़ी से सोनबरसा जाने की कनेक्टिविटी विकसित हो जायेगी.

बाइपास बन जाने से राजधानी पटना व मुजफ्फरपुर को इस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के फोरलेन की कनेक्टिविटी मिल सकेगी. मझौली से नेपाल को जोड़ने वाली सड़क एनएच-527 सी से भी आने वाले वाहनों के लिए पटना आना-जाना आसान हो जायेगा.

हाजीपुर-छपरा एनएच-19

हाजीपुर-छपरा एनएच-19 फोरलेन और टू-लेन का निर्माण करीब 66.74 किमी लंबाई में 27 जनवरी 2011 को शुरू हुआ था. इसे 24 जुलाई 2013 को बनाने की समय- सीमा तय हुई थी. इसमें जमीन अधिग्रहण सहित अन्य पेच के कारण लागत बढ़ गयी. इसकी शुरुआती लागत करीब 387 करोड़ थी, अब यह बढ़ कर करीब 640 करोड़ रुपये हो गयी है. अब इसका निर्माण जून 2024 में पूरा करने की समय- सीमा तय की गयी है.

सूत्रों के अनुसार शुरुआती दौर में इस सड़क को बनाने में जमीन अधिग्रहण की समस्या थी. बाद में आर्थिक तंगी की वजह से निर्माण एजेंसी ने काम रोक दिया था. 2019 में एनएचएआइ की पहल पर निर्माण एजेंसी को वित्तीय मदद देने का निर्णय हुआ. इसके बाद काम में गति आयी है.

इस सड़क के बन जाने से छपरा से हाजीपुर होकर पटना आने और जाने वालों को समय की बचत होगी. खास कर छपरा शहर और इसके आसपास के इलाके के लोगों को परेशानी होती है. साथ ही आरा-छपरा सड़क पुल और सोनपुर-दीघा पुलों से आवागमन शुरू होने के बाद इस छपरा-हाजीपुर सड़क की आवश्यकता बढ़ गयी है.

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छपरा-हाजीपुर एनएच की प्रगति असंतोष जनक : सारण डीएम

एक दशक से ज्यादा समय पहले छपरा-हाजीपुर के बीच 62 किलोमीटर लंबे एनएच 19 के लिए 950 करोड़ की योजना पर काम शुरू किया गया. परंतु अबतक आधा दर्जन स्थानों पर काम नहीं हुआ है. वहीं कई स्थानों पर जहां काम हुआ है. वो भी खराब हो चुके है. सारण के डीएम अमन समीर द्वारा एनएचएआइ परियोजना निदेशक मनोज कुमार तथा अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक कर निर्माण कार्य में तेजी लाने का जहां निर्देश दिया गया है. छपरा से टेक्निवास के बीच टूटे विशुनपुरा आरओबी तथा टेकनिवास के बाद नवनिर्मित क्षतिग्रस्त सड़क को मरम्मत करने के लिए संबंधित निर्माण एजेंसी को निर्देश दिया गया.

डीएम के अनुसार दरियापुर के हेमतपुर में सड़क निर्माण, आमी मोड़ के पास आरओबी व सड़क निर्माण का कार्य जहां अधूरा है. वहीं पट्टीपुल के सामानांतर आरओबी के निर्माण के कार्य की गति भी संतोषजनक नहीं है. डीएम ने कहा कि दिघवारा से लेकर छपरा तक कई स्थानों पर डिवाइडर, फ्लाइंग टूटे है.

बीते दिनों छपरा से टेकनिवास के बीच सड़क के निरीक्षण के दौरान कई स्थानों पर सड़क के टूटे होने के बाद एनएचएआई के परियोजना निदेशक को इसे ठीक कराने का निर्देश दिया गया है. वहीं विशुनपुरा के निकट आरओबी के टूटने के मामले में भी एनएचएआइ के पदाधिकारियों को निर्देश देकर शीघ्र विशेषज्ञों से टेस्टिंग कराकर मरम्मत का कार्य करने का निर्देश दिया गया है.

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