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बिहार: ईडी ने करोड़ों की फर्जी निकासी करने वाले बैंक मैनेजर को दबोचा, जानें कैसे की रुपयों की हेराफेरी

Bihar News: बिहार की राजधानी पटना में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने भूमि अधिग्रहण के लिए कोटक महिंद्रा बैंक में रखी गयी राशि में 31.93 करोड़ की फर्जी निकासी व धोखाधड़ी के मामले में बैंक की बोरिंग रोड शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक सुमित कुमार को गिरफ्तार किया है.

Bihar News: बिहार की राजधानी पटना में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने भूमि अधिग्रहण के लिए कोटक महिंद्रा बैंक में रखी गयी राशि में 31.93 करोड़ की फर्जी निकासी व धोखाधड़ी के मामले में बैंक की बोरिंग रोड शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक सुमित कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. दरअसल, इडी ने आइपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत पटना पुलिस द्वारा दर्ज की गयी एफआइआर पर जांच शुरू की थी. इसमें आरोप लगाया गया है कि भूमि अधिग्रहण के सक्षम प्राधिकारी के बैंक खातों से 31.93 करोड़ रुपये के 13 फर्जी लेनदेन किये गये हैं.

डमी संस्थाओं के बैंक खातों का उपयोग करके की हेराफेरी

जिला भूमि अधिग्रहण अधिकारी (सीएएलए सह डीएलएओ) के खातों में रखी राशि और विभिन्न सेल और डमी संस्थाओं के बैंक खातों का उपयोग करके धन की हेराफेरी की गयी है. सुमित कुमार ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज व आरटीजीएस फॉर्म पर फर्जी हस्ताक्षर से की निकासी पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत की गयी जांच से पता चला कि सुमित ने सहयोगियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज और आरटीजीएस फॉर्म पर फर्जी हस्ताक्षर से राशि की निकासी की.

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भुगतान प्राप्त करने में पद का किया दुरुपयोग

उन्होंने उचित सत्यापन के बिना भुगतान प्राप्त करने में अपने पद का दुरुपयोग किया. इसके अलावा, सुमित कुमार और उनकी पत्नी के नाम पर बैंक खातों के विश्लेषण से करोड़ों रुपये के लेनदेन का पता चला, जो उनकी आय के स्रोत से अधिक है. उनकी पत्नी के खाते में जितनी राशि है, वह उनकी प्रोफ़ाइल के साथ मैच नहीं करता है. जांच से पता चला है कि सुमित ने सरकारी खातों से धन निकालने और भारी सार्वजनिक धन की हानि करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. धोखाधड़ी में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए, उन्हें इडी द्वारा गिरफ्तार कर 11 जुलाई को नामित विशेष पीएमए न्यायालय के समक्ष पेश किया गया. कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत दी है.

ठग लोगों को बना रहे शिकार

आपको बता दें कि इन दिनों एटीएम से भी ठगी करके अपराधी लोगों को शिकार बना रहे है. एटीएम कार्ड से पैसा निकालने के दौरान सावधान रहना बहुत अधिक जरूरी है. हाल के दिनों में बिहार में साइवर क्राइम की वारदातों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज हुई है. पटना में कुछ दिनों पहले ही दो लड़कियों की गिरफ्तारी हुई है. इसके बाद एक गैंग का भी खुलासा हुआ जो लोगों का अकाउंट खाली कर रहे थे. यह एटीएम डिवाइस लगाकर एटीएम फ्रॉड की घटना को अंजाम देते थे. गैंग पहले कस्टमर के एटीएम कार्ड को एटीएम मशीन में ही फंसा देते थे. इसके बाद यह अपनी नई डिवाइस लगाया करते थे. अपनी डिवाइस के जरिए यह एटीएम में पैसा निकालने वाले लोगों शिकार बनाते थे और उनका अकाउंट खाली कर देते थे.

अल्मुनियम की पत्ती फंसाकर धोखाधड़ी

दो लड़कियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया. यह दोनों एटीएम में जाकर कैश डिस्पेंसर में अल्मुनियम की पत्ती लगा फंसा देती थी. ग्राहक के पैसे निकालने के दौरान कैश नहीं निकलता था. इस कारण ग्राहक वापस लौट जाते थे. इसके बाद यह शातिर लड़किया एटीएम के अंदर जाकर आराम से पैसे लेकर चली जाती थी. दोनों को ही अब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार लड़कियों की पहचान लालजी टोला की रहने वाली काजल कुमारी और सैदपुर की रहने वाली स्वीटी कुमारी के रूप में की गई.

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नकली हस्ताक्षर करने के बाद हुआ फर्जीवाड़ा

वहीं, पटना में अब पटना में प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 31.93 करोड़ की फर्जी निकासी करने वाले शाखा प्रबंधक सुमित कुमार को गिरफ्तार किया है. जांच के बाद बैंक खातों से 31.93 करोड़ रुपये के लेन देन का खुलासा किया गया है. विभिन्न सेल और डमी संस्थाओं के बैंक खातों का उपयोग करने के बाद पैसों को दूसरे के खातों से निकाला गया है. इतना ही नहीं बैंक के मैनेजर ने यह काम अपने सहयोगियों के साथ मिलकर किया है. फर्जी दस्तावेज व आरटीजीएस फॉर्म पर फर्जी हस्ताक्षर करने के बाद फर्जीवाड़ा किया गया है. शाखा प्रबंधक ने उचित सत्यापन के बिना भुगतान प्राप्त करने में अपने पद का गलत इस्तमाल किया है. इन्होंने पत्नी के नाम पर बैंक खातों के विश्लेषण से भी करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया है. इन्होंने सार्वजनिक धन को भारी हानि पहुंचाई है.

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