Bihar News: बिहार में साइबर अपराध में लगातार इजाफा हो रहा है. अलग-अलग मामलों में बदमाशों ने लाखों रुपए की ठगी की है. साइबर बदमाशों ने पटना के राजाबाजार समनपुरा निवासी सब्बू खान को फाइव स्टार होटलों की रेटिंग कर पैसा कमाने का ऑफर दिया. इसके बाद 89 हजार रुपये की ठगी कर ली. इस संबंध में उन्होंने शास्त्रीनगर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया है.
पीड़ित को साइबर बदमाशों ने मैसेंजर में मैसेज कर बताया कि आपको केवल एप्लीकेशन पर फाइव स्टार होटल की रेटिंग का काम करना है और इस पर उन्हें पैसा मिलेगा. इसके बाद कार्य पूरा करने पर उन्हें एक हजार सैलरी भी दी गयी. इसके बाद साइबर बदमाशों ने पैसे निवेश करने पर काफी मुनाफा कमाने का ऑफर दिया. जिसे सब्बू खांन ने मान लिया और पहले 11 हजार रुपये जमा किया. इसके बाद साइबर बदमाशों ने झांसे में लिया और 89 हजार रुपये अपने खाते में डलवा लिया. अंत में जब सब्बू खां को ठगी का अहसास हुआ तो शास्त्रीनगर थाने में मामला दर्ज करा दिया.
वहीं, राजीव नगर रोड नंबर 6 ए निवासी पुष्पेंद्र शर्मा के खाते से साइबर बदमाशों ने तीन बार में 49 हजार रुपये की निकासी कर ली. खास बात यह है कि उन्हें न तो ओटीपी आया और न ही उन्होंने किसी को खाते के संबंध में जानकारी दी. इसके बावजूद खाते से निकासी हो गयी. पुष्पेंद्र शर्मा ने घटना के संबंध में राजीव नगर थाने में शिकायत कर दी है. इधर, दीघा-आशियाना रोड निवासी तबस्सुम को साइबर बदमाशों ने मोबाइल फोन गिफ्ट देने का झांसा दिया और 20 हजार रुपये की ठगी कर ली. तबस्सुम ने भी राजीव नगर थाने में मामला दर्ज करा दिया है.
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अपराधी अपराध का नया रास्ता ढूंढ रहे है. बीते तीन महीने में विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर अलग-अलग फर्जी कंपनियों ने चार से पांच सौ लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर ली है. ठगी के शिकार हुए लोगों में केवल बिहार ही नहीं बल्कि बंगाल, यूपी और झारखंड के लोग भी शामिल हैं. इन सभी मामलों में लोगों से शातिरों ने 55 हजार रुपये से 60 हजार रुपये तक प्रति व्यक्ति ठगी की है. पीड़ितों ने खाता नंबर से लेकर कंपनी का नाम, जिस मोबाइल नंबर से लोगों की बात की वह भी पुलिस को दिया है. इस तरह का मामला सबसे पहले एसकेपुरी थाने में आया. इसके बाद कोतवाली में आया. इसमें कुवैत, इराक, दुबई, तंजानिया में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की हुई है.
ठगी का शिकार हुए लोगों से जब बात की तो उन्होंने जो पीड़ा बतायी. वह अत्यंत दुखद थी. बिहारशरीफ के बाबर आजम ने बताया कि वह ओमान में काम करते थे. कोरोना के वक्त काम बंद हुआ तो साथ काम करने वाले बिहारशरीफ के पांच अन्य दोस्त ओमान से भारत आ गये. स्थिति काफी दयनीय हो गयी. कोरोना में सारी जमा पूंजी खत्म होने के बाद कई जगहों पर काम किया, लेकिन घर की स्थिति धीरे-धीरे खराब होती चली गयी. एक दोस्त ने कहा कि विदेश चलोगे, एक कंपनी 60 हजार रुपये में विदेश भेज देगा. पैसा नहीं था तो बीवी ने गहने को बेच दिया तो 40 हजार रुपये मिले. परिवार से कर्ज लेकर 60 हजार रुपये कंपनी के द्वारा बताये गये खाते पर ट्रांसफर कर दिया. अब वह भी फंस गया. वहीं बंगाल के रहने वाले मो अब्दुल्लाह ने कहा कि मैंने ब्याज पर पैसा लेकर 60 हजार रुपये ट्रांसफर किया था. इराक में नौकरी दिलाने के नाम पर मुझसे ठगी कर ली गयी. अब ब्याज बढ़ रहा है.
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जालसाज फर्जी टिकट, फर्जी इ-विजा के साथ-साथ पुलिस क्लिरियेंस सर्टिफिकेट तक बनवा दे रहे हैं. पीड़ितों ने बताया कि एक से दो महीनों में 100 से 150 लोगों से पैसा लेने के बाद सभी कार्यालय में सामान रख फरार हो जाते हैं और मोबाइल को ऑफ कर देते हैं. कोतवाली थानेदार संजीत कुमार ने बताया कि सभी मामलों में जांच की जा रही है. वहीं एसकेपुरी थानेदार धीरज कुमार ने बताया कि मामले में जांच चल रही है. कार्यालय में पुलिस गयी थी, लेकिन वहां कोई नहीं था. आरोपितों के बारे में पता किया जा रहा है.