आगामी 20 तारीख से एसी थ्री इकोनॉमी कोचों युक्त ट्रेनों में यात्रियों को कंबल और चादर मिलेगा. इसे लेकर भारतीय रेल ने तैयारी शुरू कर दी है. रक्सौल से खुलने वाली सद्भावना एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों में यह सुविधा लागू होगी. इकोनॉमी कोच के यात्रियों को भी उसी तरह बेड लिनन का एक सेट मिलेगा जैसे एसी थ्री या एसी टू के यात्रियों को मिलता है. हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि यह सुविधा फ्री में मिलेगी या चार्जेबल होगी. लिनन की सुविधा केवल भारतीय रेल के एसी डिब्बों में ही उपलब्ध है. सामान्य एसी डिब्बों में चाहे वह राजधानी एक्सप्रेस हो, दुरंतो एक्सप्रेस हो या कोई मेल एक्सप्रेस ट्रेन हो, उनमें बेड लिनन मुफ्त में उपलब्ध है. लेकिन गरीब रथ के एसी थ्री कोच में बेड लिनन चार्जेबल है. इसके लिए 25 रुपये शुल्क देने होते है.
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि एसी थ्री इकोनॉमी क्लास में 15 फीसदी सीटें (11 बर्थ) सामान्य एसी थ्री की तुलना में अधिक हैं. सामान्य एसी थ्री कोच में 72 बर्थ होती है. जबकि इसमें 83 बर्थ होता है. बर्थ बढ़ाने के लिए इस डिब्बे में जगह नहीं बनाई गई है, जहां कंबल और चादरें रखी हों. इसलिए अभी तक इन ट्रेनों में कंबल शीट की सुविधा नहीं मिल पाई है.
एसी थ्री टियर इकोनॉमी कोच की सबसे अच्छी बात यह है कि इसका किराया सामान्य एसी थ्री टियर कोच से लगभग आठ प्रतिशत कम है. नए एसी थ्री टियर इकोनॉमी कोच का बेस फेयर सामान्य मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के स्लीपर क्लास के किराए का 2.4 गुना होगा.
एसी थ्री इकोनॉमी कोच की बर्थ को काफी हल्का लेकिन मजबूत बनाया गया है. हर केपे में स्नैक्स टेबल दिए गए हैं. हर बर्थ में मोबाइल या लैपटॉप चार्ज करने के लिए पोर्ट दिए गए हैं. हर बर्थ के साथ रीडिंग लाइट भी लगाई गई है. उपरी बर्थ पर चढ़ने के लिए बेहतर सीढ़ियां बनाई गई हैं. कोच में फायर अलार्म सिस्टम भी है. दिव्यांगों के लिए चौड़े दरवाजे रखे गए हैं ताकि व्हील चेयर को अंदर लाया जा सके.