बिहार के पर्यटक शहर राजगीर में मंगलवार को अधिक मास आरंभ होते ही त्रिवार्षिक राजकीय मलमास मेला ( पुरुषोत्तम मास मेला) शुरू हो गया है. सनातन संस्कृति व परंपरा से धार्मिक ध्वजारोहण कार्यक्रम संपन्न होने के साथ मलमास मेला स्नान शुरू हुआ. ध्वजारोहण के पहले पूरे विधि विधान से सप्तधारा कुंड में तीर्थ पूजन किया गया. तीर्थ पूजन और ध्वजारोहण के बाद समारोह के मुख्य अतिथि सिमरिया कालीधाम के पीठाधीश्वर संत शिरोमणि करपात्री अग्निहोत्री परमहंस स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने कहा कि भारत अध्यात्मिक देश है. यहां का शोध अपौरुषेय वेद है, जो विश्व पुस्तकालय का आदि ग्रंथ है. उन्होंने कहा कि वेदों के छह अंग है, जिसमें ज्योतिषीय अंग भी है. ज्योतिषीय अंग के आधार पर द्वादश मास में किये जाने वाले सत्कर्म जिससे अहलौकिक सुख और पारलौकिक गति प्राप्त होती है.
हर तीन वर्ष पर राजगीर में लगता है मलमास मेला
स्वामी चिदात्मन महाराज ने कहा कि वेद वेदांग के अनुसार प्रत्येक तीन वर्ष पर एक अधिक मास और छह मास भी हुआ करता है. अधिक मास में लगने वाला पुरुषोत्तम मास मेला के लिए भारत का अद्वितीय स्थान राजगीर है, जो प्रकृति द्वारा पांच पर्वतों से सुरक्षित है. यह अनादि काल से ब्रह्मा, विष्णु, महेश, ऋषियों के साथ सप्तऋषि, अष्टवसु, सम्राट एवं विशिष्ट राजाओं की तपस्थली रही है. यहां का ब्रह्मकुंड, सप्तधारा और वैतरणी नदी शोध का विषय रहा है. राजगीर भगवान श्री राम, श्री कृष्ण, अर्जुन और भीम सेन के शुभागमन का पवित्र स्थली रही है. यहां प्रत्येक तीन साल पर समुचित व्यवस्था के अंतर्गत सनातन धर्मावलंबियों का अध्यात्मिक मेला लगता है. सरकार के समुचित व्यवस्था से यहां आने वाले तीर्थयात्री लाभान्वित होते हैं.
मेले में व्यवस्था से खुश दिखें पीठाधीश्वर स्वामी चिदात्मन जी महाराज
पीठाधीश्वर स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने कहा कि सुशासक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राजकीय मलमास मेला का समुचित व्यवस्था यहां पर की गई है. सरकार की समुचित व्यवस्था नें मेला में चार चांद लगा दिया है. उन्होंने कहा कि विगत पुरुषोत्तम मास मेला का शुभ उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा घोषणा की गई थी कि आदि कुंभ स्थली सिमरिया धाम का सर्वांगीण विकास किया जायेगा. हरिद्वार के पौड़ी की तर्ज पर सिमरिया धाम में भी पौड़ी का निर्माण कराया जायेगा. उसका शिलान्यास और कुंभ मेला का उद्घाटन भी मुख्यमंत्री के कर कमलों द्वारा हुआ है.
राजगीर आदिकाल से ज्ञान और भक्ति का घोतक है : स्वामी चिदात्मन जी
महाराज ने कहा कि सौभाग्य से 2023 में पुरुषोत्तम मास मेला और सिमरिया धाम का अर्ध कुंभ मेला भी पड़ रहा है. मलमास मेला की मनमोहक व्यवस्था देख मन प्रसन्न हो रहा है. विश्वास है कि सिमरिया अर्ध कुंभ मेला की व्यवस्था भी राजगीर जैसी ही रहेगी. स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने कहा राजगीर आदिकाल से दिव्य तपस्थली, वैदिक संस्कृति, ब्राह्मण कर्मकांड, उपनिषद का ज्ञान युग और भक्ति प्रधान युग का घोतक है. कर्म रूपी ब्रह्मा, फल रूपी महेश्वर, यज्ञ रूपी विष्णु यहां विराजमान हैं. उन्होंने कहा ब्रह्मांड दृश्य है. जीव दृष्टा है. इन दोनों का खोज ही वेद है. शक्ति और शक्तिमान में विद्यमान सूक्ष्म भेद को जानना ही भव बंधन से छुटकारा है. शास्त्रों में शाश्वत, क्षणिक, शून्य, नित्य, अनित्य और अहंकार इन सात भेदों को बांटकर प्रकृति का वर्णन किया गया है. अहंकार हीन व्यक्ति ही उसे देख पाता है.
मेले में सस्ती रोटी की दुकान
डीएम ने बताया कि मलमास मेला क्षेत्र में 15 सस्ती रोटी की दुकान खोली गयी हैं. सस्ती रोटी के स्टॉल से गुणवत्ता पूर्ण भोजन 30-40 रुपये में भरपेट मिलेगा. सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में फुटपाथ से लेकर होटल तक में खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता बनाये रखने हेतु खाद्य निरीक्षकों द्वारा नियमित जांच की जायेगी.
चार अस्थायी अस्पताल और 10 मेडिकल कैंप
तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य सुविधा के लिए मलमास मेला क्षेत्र में चार अस्थायी अस्पताल खोले गये हैं. इसके अलावे 10 मेडिकल कैंप बनाया गया है. मेला ड्यूटी के लिए 40 चिकित्सकों और 135 स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. दिव्यांगजनों और वृद्धजनों की सुविधा के लिए ब्रह्मकुंड क्षेत्र में व्हील चेयर एवं वोलेंटियर की व्यवस्था की गयी है. महिलाओं की सुरक्षा और प्राईवेसी को ध्यान में रखते हुए मेला क्षेत्र में 100 चेंजिंग रूम का निर्माण कराया गया है.
मेला में 48 थाना, 16 वाॅच टावर
तीर्थयात्रियों की सुरक्षा हेतु मलमास मेला क्षेत्र में युवा छात्रावास और ब्रह्मकुंड क्षेत्र में अस्थायी थाना के अलावे मेला क्षेत्र में 48 अस्थायी पुलिस थाना बनाया गया है. सभी थाने के इंचार्ज पुलिस इंस्पेक्टर बनाये गये हैं. 16 वॉच टावर से पुलिस द्वारा मेला की निगरानी की जायेगा. सरस्वती नदी और वैतरणी नदी घाट पर एसडीआरएफ टीम तैनात की जायेगी. वाहनों की पार्किंग हेतु 10 पार्किंग स्थल बनाये गये हैं. उन पार्किंग स्थलों पर भी हेल्प डेस्क, शौचालय एवं पेयजल की व्यवस्था है. तीन जगहों पर अध्यात्मिक शिविर बनाये गये हैं। उन शिविरों में साधु-संत- महंत के आवासन की व्यवस्था है. शिविरों में प्रवचन, भजन कीर्तन आदि की भी व्यवस्था है.
Also Read: राजगीर मलमास मेले में कल से लगेगी आस्था की डुबकी, जानें क्यों लगता है मेला और क्या है इसकी मान्यता
टेंट सिटी की बुकिंग के लिए बनाई गई बेवसाईट
राजकीय मलमास मेला की जानकारी और टेंट सिटी की बुकिंग हेतु बेवसाईट बनाई गई है. बेवसाईट पर मलमास मेला और राजगीर के बारे में जानकारी उपलब्ध है. इसके माध्यम से श्रद्धालु टेंट सिटी एवं अन्य आवासन स्थल की नि:शुल्क बुकिंग करा सकेंगे. असुविधा के संबंध में शिकायत भी दर्ज करा सकते है.