बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में मंगलवार को जाति आधारित गणना की आर्थिक – सामाजिक सर्वे रिपोर्ट पेश की गई. इस रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में एक तिहाई यानि 34.13% परिवारों की मासिक आय 6000 या उससे भी कम है. इसके साथ ही राज्य में 6 से 10 हजार रुपये प्रति माह आय वाले परिवारों की संख्या 29.61% है. यानी कुल मिलाकर राज्य में 10 हजार रुपये प्रति महीना तक की आमदनी वाले परिवारों की संख्या 63 % से ज्यादा है. रिपोर्ट से इस बात का भी खुलासा हुआ है कि सवर्ण जातियों में भी काफी गरीबी है. रिपोर्ट के अनुसार सामान्य वर्ग की लगभग 25 फीसदी, पिछड़ा वर्ग व अत्यंत पिछड़ा वर्ग की 33 फीसदी व अनुसूचित जाति वर्ग की 42 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 हजार रुपये या उससे कम है. संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी द्वारा विधानमंडल में प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में लगभग 2.97 करोड़ परिवार रहते हैं, जिनमें से 94 लाख (34.13 प्रतिशत) से अधिक गरीब हैं.
50 हजार से अधिक कमाने वाले महज 4.47 फीसदी
रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 6 हजार रुपये मासिक आय वाले परिवार की संख्या 94,42,786 है. जबकि 6000 से 10000 रुपये तक की आय वाले परिवारों की संख्या 81,91,390 है. राज्य में 10 हजार से अधिक और 20 हजार रुपये तक की मासिक आय वाले परिवार 18.06 % हैं. इसी तरह 20 हजार से 50 हजार रुपये तक मासिक आय वाले परिवार 9.83 % है. जबकि 50 हजार रुपये महीना से अधिक कमाने वाले परिवारों की संख्या महज 4.47% है.
किस वर्ग में कितने परिवार गरीब
वहीं, यदि वर्ग बार देखें तो सामान्य वर्ग में 25.09%, पिछड़ा वर्ग में 33.16%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33.58%, अनुसूचित जाति में 42.93%, अनूसूचित जनजाति में 42.70% और अन्य जातियों में 23.72% परिवार आर्थिक रूप से गरीब है.
सवर्ण जातियों में सबसे अधिक मासिक आय कायस्थों की
जाति आधारित गणना में आर्थिक रूप से गरीब जातियों को लेकर सामने आए डेटा के अनुसार सामान्य वर्ग में सबसे कम मासिक आमदनी भूमिहार की है. करीब 27 % भूमिहार परिवारों की मासिक आमदनी छह हजार रुपये ही हैं. वहीं ब्राह्मण में 25.3 % और राजपूत में 24.89 % परिवारों की मासिक आमदनी छह हजार रुपये है. कायस्थ में 13.83 % परिवार छह हजार तक की मासिक आमदनी से गुजर बसर कर रहे हैं. वहीं सामान्य वर्ग में मुस्लिम वर्ग से शेख में 25.84 % परिवार, पठान (खान ) में 22 .20 % और सैयद में 17.61 % परिवार की मासिक आमदनी छह हजार से कम है.
सामान्य वर्ग में 25.9% परिवार की आमदनी छह हजार से कम
रिपोर्ट में कुल मिला करा सामान्य वर्ग में 25.9% परिवार की आमदनी छह हजार से कम है. वहीं पचास हजार से अधिक मासिक आमदनी में कायस्थ परिवारों की संख्या सबसे अधिक है. 24.48% कायस्थ परिवारों की मासिक आय पचास हजार से अधिक है. जबकि 13.97 % भूमिहार, 11.84% सैयद, 11.24 % राजपूत और 10.57% ब्राह्मणोें की मासिक आय पचास हजार से अधिक है.
पिछड़ा वर्ग में सबसे अधिक गरीब यादव
पिछड़ा वर्ग में आर्थिक रूप से गरीब परिवार में सबसे ज्यादा यादव जाति के लोग गरीब हैं. यादव में 35 .87 % परिवार की मासिक आमदनी छह हजार रुपये है. जबकि 34.32 % कुशवाहा, 29 .90% कुर्मी और 24 .62 % बनिया की मासिक आमदनी 6000 से कम है. पिछड़ा वर्ग में ही सूर्यापुरी मुस्लिम 29.33 % और सोनार में 26 .58 % परिवार की मासिक आय छह हजार रुपये तक ही है. जबकि यादव में 3.20 % परिवार की मासिक आमदनी पचास हजार रुपये से अधिक है. इसी वर्ग में 4.30 % कुशवाहा, 7.80% कुर्मी और 7.80% बनिया की मासिक आमदनी पचास हजार से अधिक है.
Also Read: आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट: बिहार में मिस्त्री-मजदूर सबसे अधिक कामगार, महज 5 फीसदी लोग कर रहे नौकरीअति पिछड़ी जातियों में किसकी कितनी आमदनी
अगर बात करें अति पिछड़ा वर्ग की तो तेली में 29.87%, मल्लाह में 34.56%, कानू में 32.99% , धानुक में 34.75% ,नोनिया में 35.88% और चंद्रवंशी में 34.04% परिवारों की मासिक आमदनी छह हजार रुपये से कम है. यानी यह परिवार गरीब माने गये हैं.व हीं इन जातियों में तेली में 3.90%, मल्लाह में 1.05%, धानुक में 2.01% कानू में 2.64%, नोनिया में 1.45 %और चंद्रवंशी में 3.38% परिवारों की मासिक आमदनी पचास हजार से अधिक है.
अनुसूचित जाति में मुसहर सबसे गरीब
अनुसूचित जाति में सबसे गरीब मुसहर समाज के परिवार है. जिसमें 54.56% परिवार की मासिक आमदनी छह हजार रुपये से कम है. जबकि भूइया में 53.55% ,डाेम में 53.10%, भाेगता में 52.05%, दुसाध में 39.36% और चमार, मोची, रविदास, और चर्मकार में 42.06% परिवार की मासिक आमदनी छह हजार रुपये से कम है.
Also Read: विधानमंडल में जाति गणना की आर्थिक रिपोर्ट पेश, सवर्णों में सबसे अधिक नौकरी कायस्थ के पासअनुसूचित जनजाति में कंजर सबसे गरीब
अनुसूचित जनजाति में कंजर में 50.10%, हलालखोर में 33.87%, घासी में 35.60% और लालबेगी में 37.99% परिवार की मासिक आय छह हजार रुपये से कम है. जबकि कंजर में 1.39%, हलालखोर में 4.05%, घासी में 3.72% और लालबेगी में 1.57% और दबगर में 5.68 परिवार की मासिक आय पचास हजार रुपये से अधिक है.
Also Read: बिहार में लैपटॉप रखने के मामले में ब्राह्मण आगे, 4.43 फीसदी के साथ दूसरे नंबर पर भूमिहार