Bihar News: बिहार विधान मंडल के शीतकालीन सत्र का आज अंतिम दिन है. शुक्रवार को विधान परिषद में आरक्षण विधेयक 2023 पारित हो गया. इसके पास हो जाने के बाद अब राज्यपाल की मंजूरी के बाद इस पर कानून बनेगा. शुक्रवार को आरक्षण संसोधन विधेयक पास कर दिया गया है. इससे पहले गुरुवार को इसे विधानसभा में पास किया गया था. अब इसे विधान परिषद में भी पास कर दिया गया है. बिहार में आरक्षण का दायरा अब 75% होगा. विधान परिषद में यह सभी की सहमति से पास हुआ है. राज्य में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों के नामांकन में अब आरक्षण का दायरा 75 प्रतिशत होगा. संशोधित बिल के तहत जातिगत आरक्षण के दायरे को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया जा रहा है. वहीं, केंद्रीय अधिनियम के तहत पहले से स्वीकृत इडब्ल्यूएस यानी आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को दस फीसदी का आरक्षण मिलेगा.
संशोधित अधिनियम के तहत अनुसूचित जाति को अब 20%, अनुसूचित जनजाति को दो प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग को 18% और अत्यंत पिछड़ा वर्ग को 25% आरक्षण दिया जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से पूरे देश में जातीय गणना की मांग की गई है. आरक्षण से संबंधित दोनों संशोधन विधेयक को शुक्रवार को विधान परिषद में पेश किया गया है. अब दोनों सदनों से इस बिल के पास होने के बाद विधेयक को राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जायेगा. राज्यपाल से मंजूरी के बाद यह कानून बन जायेगा. इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग इस पर नियमावली तैयार करेगा. बिहार में पदों व सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों व अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए) अधिनियम और बिहार (शैक्षणिक संस्थानों में) आरक्षण अधिनियम में संसोधन किया गया है.
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राज्य में अब आरक्षण का दायरा बढ़ने वाला है. वहीं, संशोधन विधेयक में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि यदि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी मेरिट के आधार पर सामान्य वर्ग में अपनी जगह बनाते हैं तो उन्हें आरक्षण कोटे के तहत नहीं माना जायेगा. उन्हें सामान्य वर्ग के लिए बची 25 फीसदी जगह में ही माना जायेगा. फिलहाल, सभी सदस्यों की सहमति से इस बिल को पास कर दिया गया है. सर्व सहमति से बिल पारित हो गया है.