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बिहारशरीफ में हिंसा के बाद अब भी कर्फ्यू नहीं, धारा 144 ही है लागू.. जानिए दोनों में क्या है अंतर

नालंदा के बिहारशरीफ में हालात बिगड़े तो धारा 144 लागू कर दिया गया है. वहीं माइकिंग में कर्फ्यू लगाने की जानकारी दी गयी तो बाद में डीएम ने साफ किया कि कर्फ्यू नहीं लगाया गया है बल्कि धारा 144 लागू है. जानिए दोनों में अंतर..

Bihar sharif curfew news: बिहार में रामनवमी शोभा जुलूस के दौरान हिंसक घटना नालंदा जिले में घटी है. बिहारशरीफ में दूसरे दिन यानी शनिवार को भी हिंसक घटना घटी. कई जगहों पर उपद्रव किए गए और गोलीबारी भी की गयी. गोली लगने से एक युवक की मौत हुई तो ये खबर सामने आई कि बिहारशरीफ में कर्फ्यू लगा दिया गया है. कुछ घंटे बाद नालंदा के डीएम ने इसका खंडन किया और बताया कि कर्फ्यू नहीं लगाई गयी है बल्कि धारा 144 लागू है. जानिए दोनों में क्या अंतर है…

बिहारशरीफ में धारा 144

शुक्रवार को जब बिहारशरीफ के हालात बिगड़े तो धारा 144 लागू कर दिया गया. वहीं शनिवार को माइकिंग जब की गयी तो सूचना दी गयी कि कर्फ्यू लगा दिया गया है. खबर जब जंगल में आग की तरह फैली तो नालंदा डीएम ने बयान दिया कि कर्फ्यू नहीं बल्कि धारा 144 लागू है. आखिर दोनों में अंतर क्या है.

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सीआरपीसी की धारा 144 क्या है?

बता दें कि सीआरपीसी की धारा 144 कार्यपालक मजिस्ट्रेट (DM/SDM) को पावर देती है कि अगर उन्हें ऐसा लगता कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है जिससे अशांति व मानव जीवन को खतरा पैदा हो सकता है. तो उसके लिए अगर उन्हें ऐसे आदेश की जरुरत तुरंत महसूस हो जिससे हालात पर नियंत्रण पाया जा सके तो मजिस्ट्रेट धारा 144 लागू कर उसके नियमों का पालन कराते हैं.

धारा 144 में गोली मारने का भी अधिकार?

धारा 144 का क्षेत्र काफी व्यापक होता है. व्यक्ति विशेष के लिए भी इसमें निर्देश लागू होते हैं. धारा 144 का आदेश अधिकतम 2 महीने के लिए दिया जा सकता है और उसे अधिकतक 6 महीने तक बढ़ाया जा सकता है. इसमें किसी को देखते ही गोली मारने का आदेश नहीं होता है. वहीं बात कर्फ्यू की करें तो एक्सपर्ट बताते हैं कि हमारे कानून सिस्टम में ऐसा कोई शब्द नहीं है.

डीएम ने ये प्रतिबंध लगाए..

बिहारशरीफ में माहौल बिगड़े तो नालंदा जिला पदाधिकारी शशांक शुभंकर ने धारा 144 लागू करने से जुड़े आदेश जारी कर दिए. आदेश में कहा है कि किसी भी प्रकार की सभा, जुलूस, धरना या प्रदर्शन और ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग बिना सक्षम पदाधिकारी के अनुमति के नहीं किया जायेगा. इसी आदेश में लिखा गया कि किसी स्थान पर चार या उससे अधिक लोग एकजुट नहीं होंगे. कोई भी व्यक्ति अग्नेयास्त्र, तीर-धनुष, लाठी, भाला, गड़ासा या किसी प्रकार के घातक हथियार का प्रदर्शन नहीं करेगा.


धारा 144 के आदेश में और क्या है पाबंदी..

धारा 144 के आदेश में लिखा गया है कि कोई भी व्यक्ति या संगठन किसी प्रकार के भड़काऊ पोस्टर का प्रकाशन नहीं करेंगे. उन्होंने आदेश में कहा कि किसी प्रकार के आपत्तिजनक संदेश व्ह्वाट्सएप, एसएमएस या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आदान-प्रदान नहीं करेंगे. पूरे शहरी क्षेत्र में धारा 144 स्थिति सामान्य होने तक लागू रहेगी.बता दें कि जरुरत पड़ने पर इसमें इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी जाती है. इमरजेंसी सेवाओं पर रोक नहीं रहती है.

कर्फ्यू कैसे है धारा 144 से अलग..

वहीं बात कर्फ्यू की करें तो ये फ्रेंच से लिया गया शब्द है. जहां वर्षों पहले रात 8 बजे के बाद आग नहीं जलाने का आदेश जारी था. इसे कोरोफ्यू कहते थे जो भारत में कर्फ्यू कहा जाने लगा. धारा 144 लागू होने के बाद जहां एकसाथ 4 से अधिक लोग एकजुट नहीं हो सकते वहीं कर्फ्यू लगने के बाद घरे बाहर निकलने पर पाबंदी रहती है. ट्रैफिक पर भी पाबंदी रहती है. जबतक कर्फ्यू लागू रहता है दुकानों को बंद व लोगों को घरों में ही कैद रहना पड़ता है.

Published By: Thakur Shaktilochan

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