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बोकारो : 15 साल का हुआ चंद्रपुरा प्रखंड, पंचायतों का नहीं हो पाया सर्वांगीण विकास

ऐसे तो चंद्रपुरा प्रखंड के बने 15 साल हो गये, मगर इन सालों में प्रखंड की पंचायतों का सर्वांगीण विकास नहीं हो पाया है. तीन पंचायत चुनाव होने के बाद भी कुछ पंचायतें विकास से कोसों दूर हैं.

विनोद सिन्हा, चंद्रपुरा : ऐसे तो चंद्रपुरा प्रखंड के बने 15 साल हो गये, मगर इन सालों में प्रखंड की पंचायतों का सर्वांगीण विकास नहीं हो पाया है. तीन पंचायत चुनाव होने के बाद भी कुछ पंचायतें विकास से कोसों दूर हैं. 10 नवंबर 2008 को चंद्रपुरा प्रखंड गठन किया गया और उद्घाटन तात्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरन ने किया था. चंद्रपुरा प्रखंड में कुल 23 पंचायत हैं. इस प्रखंड की 14 पंचायतें बेरमो विधानसभा में हैं, जबकि नौ पंचायतें डुमरी विधानसभा क्षेत्र में आती हैं. बेरमो विधानसभा में आने वाली अधिकांश पंचायतें औद्योगिक क्षेत्रों में हैं. खासकर तारमी, तुरियो पंचायत का कुछ भाग भंडारीदह (सेल) व सीसीएल में आता है, जबकि चंद्रपुरा डीवीसी क्षेत्र में रांगामाटी, पूर्वी, पश्चिमी व दक्षिणी पंचायत आता है. दक्षिणी पंचायत में कुछ भाग ग्रामीण क्षेत्र का है, जहां योजनाओं पर कुछ काम हो जाता है, मगर रांगामाटी पूर्वी व पश्चिमी पंचायत पूरी तरह से डीवीसी क्षेत्र में हैं और यहां पीएम आवास सहित कई महत्वपूर्ण काम नहीं हो पाता है. डीवीसी का अधिगृहीत क्षेत्र होने के कारण प्रबंधन अपने आवासीय कॉलोनी में कई तरह का काम स्वयं कराता है. उधर, दुगदा क्षेत्र में स्थित चार पंचायतें बीसीसीएल एरिया में पड़ती हैं. यहां भी प्रबंधन नहीं चाहता कि यह पंचायत में रहें. नोटिफाइड एरिया में पंचायतों के बनने से प्रबंधन भी इसे ठीक नहीं मानता. यही नहीं पंचायत होने के कारण प्लांटों में काम करने वाले ठेका मजदूरों की मजदूरी नियमानुसार घट जाती है. उधर, ग्रामीण क्षेत्रों में हुए कार्यों में हमेशा अनियमितता की शिकायतें रहती हैं.

बंदियों में नहीं बन पाया मनरेगा पार्क

चंद्रपुरा प्रखंड के बंदियोंं पंचायत में 20 एकड़ में बनने वाले मनरेगा पार्क को लेकर प्रशासनिक तैयारियां तो हुईं, मगर दो साल पहले जमीन देने वाले जमीन दाता पीछे हट गये. इस प्रोजेक्ट से यहां के ग्रामीणों को कई तरह के लाभ होते. मनरेगा से जुड़ी कई योजनाएं दिखतीं. दो एकड़ में जमीन पर डोभा, कुआं, तालाब, एप्रोच रोड, मिट्टी मोरम, टीसीबी, खेतीबारी, बागवानी, बकरी, सुअर, गाय शेड बनाये जाते, जबकि रैयत की जमीन पर प्रधानमंत्री आवास बनता. प्रोजेक्ट आता तो अपनी जमीन पर ही जमीनदाता रह कर खेती कर सकते थे. यहां बननेवाली सभी योजनाएं सोलर ऊर्जा से युक्त होतीं. तीन करोड़ की लागत वाले इस पार्क के लिए चंद्रपुरा सीओ संदीप कुमार मधेशिया व पूर्व उप प्रमुख अनिल कुमार महतो ने काफी मेहनत की थी.

पंचायतों में होंगे विकास के कई कार्य : बीडीओ

चंद्रपुरा प्रखंड के नये बीडीओ ईश्वर दयाल महतो ने कहा कि विकास कार्यों की गुणवत्ता को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं किया जायेगा. मैंने सभी रोजगार सेवक व पंचायत सचिवों को इस बाबत हिदायत दे रखी है. उन्होंने कहा कि अबुआ आवास उन्हें दिया जायेगा, जो अत्यंत गरीब हैं. शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों में दिये जा रहे मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता को भी देखा जायेगा. उन्होंने कहा कि कूप निर्माण में मशीन से कार्य करने की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जायेगी.

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