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केरल के कोच्चि में कचरा में आग की वजह से लगा लॉकडाउन, केंद्र सरकार के कान खड़े, बोकारो जिला प्रशासन लापरवाह

सेक्टर 06 से सेक्टर 11 जाने वाली मुख्य सड़क की बायीं तरफ बीएसएल लगभग तीन एकड़ क्षेत्र में कचरा गिराता है. तमाम सेक्टर से कचरा उठा कर यहां डंप किया जाता है. हर माह 90 से 100 एमटी कचरा का उठाव शहर से होता है.

बोकारो, सीपी सिंह. केरल के कोच्चि में कचरे के ढेर पर लगी आग ने प्रशासन समेत राज्य सरकार व केंद्र सरकार के कान खड़े कर दिये. कचरे में लगी आग के कारण कोच्चि शहर में लॉकडाउन लगाना पड़ा. आग बुझाने के लिए न्यूयार्क तक से मदद लेनी पड़ी. दूसरी ओर बोकारो इस बात से बेफिक्र है. जिला के दोनों अनुमंडल में कचरा में आग लगाकर ही निस्तारण किया जाता है. बोकारो इस्पात शहर यानी चास अनुमंडल क्षेत्र के सेक्टर 06 से सेक्टर 11 जाने वाली मुख्य सड़क की बायीं तरफ कचरा जलाया जाता है. वहीं बेरमो अनुमंडल के चंद्रपुरा-फुसरो मार्ग में डीवीसी कॉलोनी का कचरा जलाया जा रहा है.

कचरा उठाव के एवज में वसूला जाता है शुल्क

सेक्टर 06 से सेक्टर 11 जाने वाली मुख्य सड़क की बायीं तरफ बीएसएल लगभग तीन एकड़ क्षेत्र में कचरा गिराता है. तमाम सेक्टर से कचरा उठा कर यहां डंप किया जाता है. हर माह 90 से 100 एमटी कचरा का उठाव शहर से होता है. इस कचरा को उठाने के एवज में बीएसएल नन बीएसएल अधिकृत क्वार्टर से 50 रुपया, सेक्टर बाजार के प्रति प्लॉट से 1000 रुपया, सिटी सेंटर से प्रति दुकान व प्लॉट से 1500-2000 रुपया व बड़े वाणिज्य संस्थान से 10 हजार रुपया प्रति माह शुल्क वसूलता है. कचरा उठाव का टेंडर बीएसएल ने भार्गव फैसलिटी कंपनी को दिया है. इस कंपनी में 285 आदमी कार्यरत हैं.

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इतना सब के बाद भी जमीनी हकीकत यह है कि कचरा का सिर्फ उठाव होता है, निस्तारण नहीं. कचरा को डंप कर उसमें माचिस मार दी जाती है. यहीं से शुरू होती है आम लोगों की परेशानी. सेक्टर 06 से सेक्टर 11 बीच लोग सांस लेने के पहले भी कई बार सोचते हैं. पूरे दिन कचरा डंपिंग यार्ड से भारी मात्रा में धुआं निकलता है. सुबह-सुबह धुआं से चहुंओर धुंध छा जाता है. इससे विजिबिलिटी बहुत कम हो जाती है.

इसी तरह चंद्रपुरा-फुसरो मुख्य मार्ग के पास भी पिछले एक दो साल से कचरा डंप किया जा रहा है. फुसरो जाने के क्रम में डीवीसी बैरियर के ठीक बगल में कचरा गिराया जा रहा है. धीरे-धीरे कचरा गिराने वाली जगह का दायरा बढ़ाया जा रहा है. कचरा गिराने के बाद शाम को आग लगा दी जा रही है, जिससे मुख्य सड़क पर धुआं की धुआं नजर आता है. विजिबिलिटी कम हो जाती है. इसी तरह चास नगर निगम क्षेत्र में भी कचरा समयानुसार जगह बदल कर फेंका जाता है. वर्तमान में फोर लेन स्थित अमृत पार्क के पास कचरा फेंका जा रहा है.

कचरा को जलाना अपराध

कचरा निस्तारण के लिए 2016 में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रुल लाया गया. इसके तहत कचरा को जलाना अपराध माना गया है. थोक भाव में तो दूर की बात कोई एकल परिवार के घरेलू कचरा जलाने पर भी मनाही है. बावजूद इसके बोकारो में खुलेआम कचरा जलाया जा रहा है. बोकारो में कचरा निस्तारण के लिए योजना लंबे अरसे से बन रही है. कभी चास नगर निगम के साथ मिलकर बीएसएल की ओर से निर्माण करने की बात तो कभी चास नगर निगम की ओर से निर्माण की बात होती है. इसी तरह फुसरो नगर परिषद में भी निस्तारण केंद्र बनाने की योजना कई साल से फाइल में दौड़ रही है. लेकिन, धरातल पर कहीं भी निस्तारण केंद्र नहीं उतर रहा है.

कचरा में आग लगने से निकलती है कई जहरीली गैस

जनरल फिजिशियन डॉ विकास कुमार (उपाधीक्षक-चास अनुमंडल अस्पताल) ने बताया : कचरा में आग लगाने से हानिकारक गैस मिथेन, सल्फर, कार्बन डायआक्साइड, कार्बन मोनोआक्साइड निकलती हैं, जो बहुत नुकसानदेह होती है. साथ ही ओजोन परत को क्षति पहुंचाती है. ये गैस मानव शरीर के लिए खतरनाक हैं. इससे कैंसर, जेनेटिक डिजीज, चर्म रोग, सांस की बीमारी, एनिमिया, दांत, दमा, टीबी जैसी बीमारी होती है.

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