वेज विवाद को लेकर कोल इंडिया की ओर से जबलपुर हाईकोर्ट के डबल बेंच में दायर अपील पर सोमवार को सुनवाई होगी. संभवत: कोल इंडिया की ओर से सोलिसिटर जेनरल बहस में हिस्सा ले सकते हैं. उम्मीद है कि इस सुनवाई के बाद ही कोल इंडिया प्रबंधन कोलकर्मियों के मासिक वेतन भुगतान के बारे कोई निर्णय ले सकती है. मालूम हो कि अक्टूबर के पहले सप्ताह तक किया जाने वाला सितंबर माह के वेतन का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है. इसको लेकर मजदूर संगठनों व कोलकर्मियों में रोष है. वेतन भुगतान की मांग को लेकर कोल इंडिया की अनुषांगिक इकाइयों के एरिया व परियोजना स्तर पर मजदूर व मजदूर संगठन लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वेतन भुगतान का मामला नहीं सुलझा तो कोल इंडिया में 12 अक्टूबर से घोषित तीन दिवसीय हड़ताल के टलने के कम ही आसार है.
क्या है मामला
मालूम हो कि 29 अगस्त को कई कोयला अधिकारियों ने जबलपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. आठ सितंबर को कोर्ट ने कोयला कर्मियों के 11वां वेतन समझौता का रद्द करने का आदेश दिया था. इसके बाद कोल इंडिया ने कोर्ट के सिंगल बेंच के इस आदेश को लेकर डबल बेंच में अपील की. 14 सितंबर को पांचों सेंट्रल ट्रेड यूनियनों के नेताओं की रांची में हुई बैठक में कोल इंडिया में पांच से सात अक्टूबर तक हड़ताल का फैसला लिया गया था. 26 सितंबर को कोल इंडिया चेयरमैन ने कोल इंडिया के अधिकारियों के साथ कोल इंडिया मुख्यालय में बैठक क. 27 सितंबर को दिल्ली में कोल इंडिया चेयरमैन के साथ पांचों सेंट्रल ट्रेड यूनियनों नेताओं की हुई बैठक के बाद हड़ताल 12 से 14 अक्टूबर तक हड़ताल करने का निर्णय लिया गया. एक अक्टूबर को कोल इंडिया ने कर्मियों के वेतन को लेकर दो-तीन दिनों तक पे स्लिप तैयार नहीं करने का आदेश दिया. क्योंकि तीन अक्टूबर को कोल इंडिया के पक्ष में एचएमएस के एक नेता द्वारा दायर की गयी अपील पर सुनवाई होनी थी. लेकिन इस दिन सुनवाई नहीं हुई तथा अगली तारीख पांच अक्टूबर कर दी गयी. पांच अक्टूबर को भी इस पर सुनवाई नहीं हुई तथा अगली तारीख नौ अक्टूबर कर दी गयी.
मामले को लेकर गठित की गयी है कमेटी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोल इंडिया ने पांच अक्टूबर को वेज को लेकर उत्पन्न संकट को देखते हुए एक कमेटी डब्ल्यूसीएल के सेवानिवृत सीएमडी आरआर मिश्रा की अध्यक्षता में गठित की है. इस कमेटी में एसइसीएल के निदेशक वित्त, एनसीएल के निदेशक कार्मिक के अलावा अन्य कई अधिकारी शामिल हैं. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट कोल इंडिया को सौंप दी है. जानकारी है कि नौ अक्टूबर को इस कमेटी व मजदूर संगठनों के साथ कोल इंडिया की बैठक होगी.
कर्मियों को है इंटरेस्ट क्लेम करने का अधिकार
जानकारी के अनुसार कोलकर्मियों को अगर समय पर मासिक वेतन भुगतान नहीं किया जाता है तो उन्हें इंटरेस्ट क्लेम करने का अधिकार है. पेमेंट ऑफ वेजेज एक्ट 1936 के अनुसार कोई भी उद्योग में अगर 300 से कम मजदूर काम करते हैं तो उन्हें सात दिन में वेतन भुगतान करना है तथा जिसमें 300 से ज्यादा मजदूर काम करते हैं उन्हें 10 दिन में वेतन भुगतान करना है. मजदूर संगठन से जुड़े एक नेता के अनुसार कोयला उद्योग पेमेंट ऑफ वेजेज एक्ट 1936 के दायरे में नहीं आता है, क्योंकि यहां कर्मियों का वेतन 40 हजार से ज्यादा है. जबकि जिन मजदूरों को वेतन 21 हजार से कम है, उस पर यह नियम लागू होता है.
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