Makar Sankranti 2021, Jharkhand News, Bokaro News, बोकारो (सुनील तिवारी) : मकर संक्रांति के अवसर पर इस बार आसमान में स्पाइडर मैन, डोरेमॉन समेत कई अन्य डिजाइनर पतंगे उड़ेंगे. बोकारो के बाजार में किस्म- किस्म के पतंग की बिक्री हो रही है. सबसे अधिक बिक्री स्पाइडर मैन व डोरेमॉन के नाम व चित्र वाले पतंग की हो रही है. यह पतंग बच्चों की पहली पसंद है. इसके अलावा भी कई तरह के करेक्टर व चित्र वाले पतंग की बिक्री हो रही है. मकर संक्रांति को सुबह से क्या बच्चे और क्या युवा, सभी पतंगबाजी में जुट जाते हैं. सूरज ढलने तक यह सिलसिला जारी रहता है.
पतंगबाजी को लेकर पहले बाजार में चाइनीज धागा का खूब जलवा रहता था. लेकिन, इधर एक-दो साल से बाजार से चाइनीज धागा गायब है. चास मेन रोड धागा विक्रेता राजेश कुमार ने बताया कि चाइनीज धागा बाजार में अब पतंगबाजी के लिए नहीं आ रहा है. बाजार में जो भी धागा बिक रहा है, वह कोलकाता से आ रहा है. कोलकाता का धागा चाइनीज धागा की अपेक्षा काफी कम दाम के साथ अच्छा होता है. कोलकाता का धागा बाजार में दो रुपये प्रति ग्राम बिक रहा है.
मकर संक्रांति का त्योहार बहुत ही महत्वपूर्ण व हर्षोल्लास का त्योहार है. इसे अलग-अलग जगहों पर अनेक नामों व अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है. इस दिन कई तरह की परंपराएं भी निभायी जाती हैं, जो हर साल लोग बहुत ही उत्साह से साथ करते हैं. इन्हीं परंपराओं में से एक है पतंग उड़ाने की परंपरा. बोकारो के बाजार में पतंग 5 रुपये से लेकर 30 रुपये तक, धागा 5 से 10 रुपये तक और लटाई 20 रुपये से लेकर 80 रुपये तक बिक रहा है.
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मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाकर यह त्योहार मनाने का चलन काफी प्रचलित है. मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने के पीछे धार्मिक मान्यता है कि त्रेतायुग में भगवान श्रीराम ने इसी दिन अपने भाइयों व हनुमान जी के साथ पतंग उड़ायी थी. इसलिए तब से यह परंपरा प्रचलित हो गयी. तब से लेकर आज तक यह पतंगबाजी की परंपरा निभायी जा रही है. प्राचीन भारतीय साहित्य व धार्मिक ग्रंथों में भी पतंगबाजी का काफी उल्लेख मिलता है.
मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है. वैज्ञानिक कारणों से देखा जाये, तो जनवरी का महीना सर्दियों का महीना होता है. इस मौसम में सर्दी, खांसी, जुकाम व अन्य संक्रमण वाली बीमारियां होती है. वहीं, मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं. सूर्य के उत्तरायण में जाने के समय सूर्य से निकलने वाली किरणें मनुष्य के शरीर के लिए दवा का कार्य करती है. पतंग उड़ाने के दौरान सूर्य की किरणें मिलती है. उनसे शरीर स्वस्थ रहता है.
मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनेगी. मकर संक्रांति इस साल बेहद खास संयोग में आ रहा है. खास बात यह है कि शनि स्वयं अपने घर मकर राशि में गुरु महाराज वृहस्पति व ग्रहों के राजकुमार बुध व नक्षत्रपति चंद्रमा को साथ लेकर सूर्यदेव का मकर राशि में स्वागत करेंगे. ग्रहों का ऐसा संयोग बहुत ही दुर्लभ माना जाता है, क्योंकि ग्रहों के इस संयोग में स्वयं ग्रहों के राजा, गुरु, राजकुमार, न्यायाधीश व नक्षत्रपति साथ रहेंगे.
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मकर संक्रांति को सूर्य के धनु राशि में आने से खरमास समाप्त हो जायेगा. लेकिन, इस बार खरमास समाप्त होने पर भी विवाह व दूसरे शुभ कार्य का आयोजन नहीं किया जा सकेगा. इसकी वजह यह है कि मकर संक्रांति के 3 दिन बाद ही गुरु अस्त हो जा रहे हैं. गुरु तारा अस्त होने से शुभ कार्यों पर 14 फरवरी तक विराम लगा रहेगा. इधर, मकर संक्रांति को लेकर चास-बोकारो में जगह-जगह तिलवा, तिलकुट की दुकान सज गयी है.
Posted By : Samir Ranjan.