बेरमो (बोकारो), राकेश वर्मा : लगभग 16 लाख की आबादी वाले बोकारो जिला अंतर्गत बेरमो अनुमंडल को जिला बनाने की मांग को लेकर आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है. बेरमो जिला बनाओ संघर्ष समिति छह माह से लगातार आंदोलन कर रही है. छह दिसंबर, 2022 को बेरमो को अनुमंडल बने 50 साल पूरा होने के उपलक्ष्य पर अनुमंडल मुख्यालय स्थित अधिवक्ता भवन में स्वर्ण जयंती समारोह का आयोजन किया था. इसके बाद आगे के कार्यक्रमों की रुपरेखा तैयार की गयी.
कार्यक्रम की रुपरेखा तैयार
बेरमो को जिला बनाने की मांग को लेकर इस वर्ष 23 मई को पेटरवार प्रखंड मुख्यालय, 29 मई को कसमार प्रखंड मुख्यालय, 13 जून को बेरमो प्रखंड मुख्यालय तथा चार जुलाई को गोमिया प्रखंड मुख्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम स्मार पत्र सौंपा गया. 26 जुलाई को अनुमंडल मुख्यालय तेनुघाट से 111 से ज्यादा लोग समिति के सह संयोजक कुलदीप प्रजापति के नेतृत्व में पदयात्रा कर पांच दिन में रांची विधानसभा पहुंचेंगे और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जायेगा. इसके बाद आठ अगस्त को चंद्रपुरा प्रखंड मुख्यालय, पांच सितंबर को नावाडीह प्रखंड मुख्यालय तथा तीन अक्टूबर को जरीडीह प्रखंड मुख्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया जायेगा. सात नवंबर को अनुमंडल मुख्यालय, तेनुघाट के समक्ष तथा 21 नवंबर को जिला मुख्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम होगा. समिति का कहना है कि इसके बाद भी सरकार ने मांग पूरी नहीं की तो छह दिसंबर को बेरमो अनुमंडल गठन के दिन बेरमो बंद किया जायेगा. समिति के संयोजक संतोष कुमार नायक, अध्यक्ष कामेश्वर मिश्रा व सचिव वकील प्रसाद महतो का कहना कि अब आंदोलन को निर्णायक मोड़ तक ले जाने की तैयारी है. राज्य सरकार को ठोस पहल करनी ही होगी.
तिथिवार कार्यक्रम की रुपरेखा
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23 मई, 2023 को पेटरवार प्रखंड मुख्यालय, 29 मई को कसमार प्रखंड मुख्यालय, 13 जून को बेरमो प्रखंड मुख्यालय तथा चार जुलाई को गोमिया प्रखंड मुख्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन हुआ.
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26 जुलाई, 2023 को अनुमंडल मुख्यालय तेनुघाट से 111 से अधिक लोग पदयात्रा कर पांच दिन में रांची विधानसभा पहुंचेंगे और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जायेगा.
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आठ अगस्त को चंद्रपुरा प्रखंड मुख्यालय, पांच सितंबर को नावाडीह प्रखंड मुख्यालय तथा तीन अक्टूबर को जरीडीह प्रखंड मुख्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन होगा.
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सात नवंबर को अनुमंडल मुख्यालय, तेनुघाट के समक्ष तथा 21 नवंबर को जिला मुख्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम होगा.
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छह दिसंबर को बेरमो अनुमंडल गठन के दिन बेरमो बंद किया जायेगा.
प्रकृति ने क्षेत्र को दी है कई नेमत
बेरमो अनुमंडल के मुख्यालय तेनुघाट में सिंचाई विभाग द्वारा निर्मित एशिया का सबसे बड़ा अर्थ डैम है. इसकी लंबाई सात किलोमीटर है. वर्ष 1965 में यह बनना शुरू हुआ और वर्ष 1972 में बन कर तैयार हुआ. बेरमो अनुमंडल में डीवीसी के दो थर्मल पावर स्टेशन बीपीटीएस व सीटीपीएस तथा राज्य सरकार का थर्मल पावर प्लांट टीटीपीएस है. इसके अतिरिक्त एक कैप्टिव पावर प्लांट है जो फिलहाल बंद है. बेरमो में सीसीएल के तीन एरिया कथारा, बीएंडके और ढोरी एरिया में कोयला की कई खदानें हैं. कथारा, करगली, स्वांग व दुगदा कोल वाशरी है. गोमिया में देश का सबसे पुराना बारुद कारखाना आइएएल ओरिका है, जिसका उद्घाटन भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने किया था. इसके अलावा सेल की इकाई एसआरयू भंडारीदह में है. बेरमो अनुमंडल के पर्यटन स्थलों में ललपनिया का लुगु पहाड़, कसमार का मृगी खोह, ढोरी माता, हथिया पत्थर उल्लेखनीय है. हजारों एकड़ में फैला तेनुघाट डैम भी पर्यटकों को आकर्षित करता है. सिविल कोर्ट के भव्य बिल्डिंग का उद्घाटन हो चुका है.
1975 में गिरिडीह से तेनुघाट आया अनुमंडल मुख्यालय
बेरमो अनुमंडल का सृजन छह दिसंबर, 1972 को बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री केदार पांडेय के कार्यकाल में किया गया था. बेरमो अनुमंडल का मुख्यालय वर्ष 1975 में गिरिडीह से स्थानांतरित होकर तेनुघाट आया. 1981 में सिविल कोर्ट गिरिडीह से स्थानांतरित होकर तेनुघाट आया. फिलहाल तेनुघाट में स्थायी कोर्ट हो गया है, जिसका उद्घाटन छह दिसंबर, 2013 को किया गया था. साथ ही तेनुघाट में स्थायी उपकारा भी बना. इसके अलावा यहां जवाहर नवोदय विद्यालय तथा डीएवी तेनुघाट सहित अनुमंडलीय अस्पताल भी आया. तेनुघाट में न्यायिक पदाधिकारियों, एसडीओ, डीएसपी के स्थायी आवास, अनुमंडलीय अस्पताल में पोस्टमार्टम हाउस, स्थायी कोषागार, पीएचइडी का स्थायी कार्यालय बना, जो जिला बनाने में सहायक साबित होंगे. बेरमो अनुमंडल में पांच डिग्री कॉलेज, नौ इंटर कॉलेज, एक जवाहर नवोदय विद्यालय, सात डीएवी स्कूल, 20 उच्च विद्यालय, सिंचाई विभाग का अंचल व प्रमंडल कार्यालय, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का प्रमंडलीय कार्यालय और वाणिज्यकर विभाग का कार्यालय भी है.
जिला बनने से होंगी कई सुविधाएं
बेरमो अनुमंडल का उत्तरी एवं पश्चिमी भाग बोकारो जिला मुख्यालय से काफी दूर है. नावाडीह व गोमिया प्रखंड के लोगों को 60 किमी की दूरी तय कर तेनुघाट आना पड़ता है. सुदूरवर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों को इसके कारण काफी समस्याएं होती है. बेरमो के जिला बनने से इन लोगों को सुविधा होगी. बेरमो अनुमंडल क्षेत्र के सभी प्रखंड उग्रवाद प्रभावित हैं. गोमिया के झुमरा से लेकर सेवाती घाटी तथा हिसिम-केदला तक की दूरी वर्तमान बोकारो जिला मुख्यालय से काफी दूर है.
झारखंड बनने के बाद कई ऐसे जिले बने जो अर्हता में बेरमो से थे पीछे
झारखंड अलग राज्य बनने के बाद कई नये जिले बने हैं जो अर्हता के मामले में बेरमो से पीछे थे. 12 दिसंबर 2007 को खूंटी को जिला बनाया गया, जिसकी आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार 5,30, 299 थी और प्रखंड व अंचल की संख्या छह थी. 26 अप्रैल, 2001 को जामताड़ा को जिला बनाया गया, जिसकी आबादी 7,90,207 तथा प्रखंड व अंचल छह थे. 12 सितंबर, 2007 को रामगढ़ को जिला बनाया गया, जिसकी जनसंख्या 9,49,169 और प्रखंड व अंचल की संख्या छह थी. 30 अप्रैल, 2001 को सिमडेगा को जिला बनाया गया, जिसकी जनसंख्या 7,25,653 और प्रखंड व अंचल की संख्या छह थी. चार अप्रैल 2001 को लातेहार को जिला बनाया गया, जिसकी जनसंख्या 4,61,738 और प्रखंड व अंचल की संख्या सात थी. वर्ष 1971 की जनगणना के अनुसार बेरमो की आबादी 11,07,672 थी. फिलहाल इसकी आबादी लगभग 16 लाख है. इसका क्षेत्रफल भी काफी बड़ा है. बेरमो अनुमंडल में 14 थाना, चार ओपी तथा सात प्रखंड पेटरवार, कसमार, बेरमो, नावाडीह, चंद्रपुरा, जरीडीह व गोमिया हैं.
जनप्रतिनिधि भी उठाते रहे हैं मामला
बेरमो को जिला बनाने की मांग दशकों से की जा रही है, लेकिन सभी अर्हताएं पूरी करने के बाद भी मांग पूरी नहीं हो पायी है. चुनावों के समय पार्टी, प्रत्याशी व नेता इस मांग को पूरा कराने का वादा करते रहे हैं. चुनावी घोषणा पत्रों में भी इसे शामिल किया गया. लेकिन चुनाव के बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है. मंत्री स्व. जगरनाथ महतो, गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो, पूर्व मंत्री माधवलाल सिंह, बेरमो विधायक कुमार जयमंगल सिंह, पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद भी समय-समय पर बेरमो को जिला बनाने की मांग उठाते रहे हैं. गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो ने इस मामले को विधानसभा में भी उठाया है.