Saffron Cultivation In Jharkhand, झारखंड के बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड के रोला गांव में डेढ़ एकड़ बंजर जमीन पर केसर की खेती लहलहा रही है. आज यह इलाका फूलों की खुशबू से महक रहा है. पारा शिक्षक अनिल कुमार महतो और उनकी पत्नी आंगनबाड़ी सेविका मंजू देवी की मेहनत से बंजर जमीन सोना उगल रही है. अभी केसर के फूलों की तुड़ाई चल रही है. कृषक अनिल महतो को इसमें करीब 50-60 हजार रुपये की लागत आयी. फिलहाल वे बाजार की तलाश कर रहे हैं.
बंजर जमीन को बनाया उपजाऊ
पारा शिक्षक अनिल कुमार महतो ड्यूटी के बाद बचे समय में कृषि कार्य करते हैं. उनका कहना है कि उनकी डेढ़ एकड़ बंजर भूमि थी, जिसे उर्वरक बनाकर उसमें कुछ अलग किस्म की खेती करने का मन बनाया. यूट्यूब से खेती के विषय में जानकारी ली. अपने एक मित्र से एक किलो बीज 15 हजार रुपये में खरीदकर बंजर जमीन में लगाया. गोबर-पत्तों आदि का उपयोग कर जमीन को उपजाऊ बनाया तथा मनरेगा से मिले कूप से पटवन की. खेती में करीब 50-60 हजार रुपये की लागत आयी.
कृषि विभाग से मिला सहयोग
गोमिया के बीडीओ कपिल कुमार ने खेती का अवलोकन कर कृषि विकास में आगे और भी सहयोग करने की बात कही. बोकारो जिला कृषि उपतकनीकी निदेशक राजन मिश्रा ने कहा कि रोला जैसे गांव में केसर की खेती क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि है. इससे अन्य किसान प्रेरणा लेकर आत्मनिर्भर बनेंगे. उन्होंने कृषि विभाग व आत्मा से हर संभव सहयोग करने की बात कही. कृषक अनिल महतो फिलहाल बाजार की तलाश कर रहे हैं. केसर की कीमत करीब दो से ढाई लाख रुपये किलो है.
रिपोर्ट: नागेश्वर कुमार