World Transport day: भारत में हर साल 10 नवंबर को परिवहन दिवस मनाया जाता है. इस दिन यातायात नियमों और दुर्घटनाओं के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब बोकारो में गाड़ियों की संख्या बेहद कम थी, लेकिन आज समय और परस्थिति दोनों बदल गयी है. आज बोकारो जिला सबसे अधिक वाहन रजिस्टर्ड व रेवेन्यू कलेक्शन करने के मामले में झारखंड में पांचवें स्थान पर है. 1991 में जिला बनने के बाद अब तक 4,64,774 वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ है. वहीं, अब तक कुल रेवेन्यू कलेक्शन 5,38,44,11,306 रुपये है. 2022 में नवंबर तक 24,416 वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं और 67,55,18,461 रुपये रेवेन्यू आया है. जिला में यातायात व मालवाहक 51,591 वाहन चल रहे हैं. इनमें डीजल से चलनेवाले 58,507 व पेट्रोल से चलनेवाले 3,95,879 वाहन हैं. वहीं बीएस-03 केटेगरी के 1,72,579 वाहन दौड़ रहे हैं.
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वर्तमान में जिला में बीएस-06 के 69,948 वाहन और 780 इलेक्ट्रिक वाहन दौड़ रहे हैं. परिवहन नियम में सुधार लाने के लिए नयी स्क्रैप पॉलिसी भी लायी गयी है. इस नीति के तहत व्यावसायिक वाहनों के लिए 15 साल और निजी गाड़ियों के लिए 20 साल का समय तय किया गया है. मोदी सरकार ने बजट 2021-22 में स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति की घोषणा की थी.
बीते वर्षों में बीएस-थ्री से बीएसए-फोर और बीएस-फोर से बीएस-सिक्स गाड़ियां बाजार में आ चुकी हैं, लेकिन बोकारो में ऑटोमोबाइल सेक्टर में 2019 से गिरावट आ रही है. 2018 में जिला में 41,796 वाहनों की बिक्री हुई थी, लेकिन 2019 में 14 प्रतिशत की गिरावट आने के बाद यह आंकड़ा 35,983 तक पहुंच गया. इसी तरह 2020 में 14.56 प्रतिशत गिरावट आने से 30,743 वाहन रजिस्टर्ड हुए. 2021 में बाजार 10.67 प्रतिशत गिरा. इस साल 27,464 वाहन बिके, जबकि 2022 में अब तक 24,416 वाहन बिक चुके हैं. जानकारों का कहना है कि पहले कोरोना की मार और फिर सेमी कंडक्टर की कमी के कारण वाहन बाजार मंदा पड़ा हुआ है. हालांकि, इस साल ग्रोथ की उम्मीद है.
रिपोर्ट : सुनील तिवारी, बोकारो