फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने इस फिल्म को लेकर उठ रहे विवादों को गलत करार देते हुए कहा कि कश्मीर एक ‘व्यवसाय’ है और इस फिल्म की वजह से बहुत से लोगों की ‘दुकानें बंद हो रही हैं’ इसीलिए विवाद खड़ा किया जा रहा है.
उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर उठ रहे विवादों पर कहा, “फिल्म में कोई विवाद ही नहीं है. भला आतंकवाद पर कोई विवाद हो सकता है क्या. दरअसल कश्मीर एक व्यवसाय है और इस फिल्म से बहुत से लोगों की दुकान बंद हो रही हैं, इसीलिए विवाद उठ रहा है.” उन्होंने कहा, “यह दुनिया मानवता वालों और आतंकवाद वालों के वर्गों में बंटी हुई है. मानवता वाले लोग लाइन लगाकर इस फिल्म को देख रहे हैं जबकि आतंकवाद वाले लोग इसके खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं.”
अग्निहोत्री ने दावा किया कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ देश के हर वर्ग को जोड़ रही है. इस फिल्म ने फिल्मों को हिट बनाने के पुराने ढर्रे को तोड़ दिया है और इसने मनोरंजन जगत की अर्थव्यवस्था को नए रास्ते दिखाए हैं. ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म में आधा सच दिखाए जाने के शिवसेना के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर अग्निहोत्री ने सीधा जवाब नहीं देते हुए कहा, “आधा सच के बारे में बोलने का हक उसी को है जो पूरा सच जानता हो.”
विवेक अग्निहोत्री ने कहा, “ऐसा नहीं है कि यह फिल्म विवाद की वजह से चल रही है. मैंने जिस मकसद से फिल्म बनाई वह पूरा हो रहा है. जो लोग कश्मीरी पंडितों के संहार की बात नहीं मानते थे, इस फिल्म ने उनकी आंखें खोल दी हैं.” फिल्म की निर्माता अभिनेत्री पल्लवी जोशी ने दावा किया कि इस फिल्म में दिखाई गई हर एक चीज सच पर आधारित है.
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इस सवाल पर कि क्या ‘ब्लॉकबस्टर’ साबित हो रही ‘द कश्मीर फाइल्स’ की कमाई का कुछ हिस्सा कश्मीरी पंडितों को भी मिलेगा, फिल्म के निर्देशक अग्निहोत्री ने कहा, “पहले कमाई तो हो.” गौरतलब है कि अनुपम खेर, पल्लवी जोशी और मिथुन चक्रवर्ती की मुख्य भूमिकाओं वाली फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ में वर्ष 1990 में कश्मीरी पंडितों के पलायन से जुड़ी घटनाओं को पेश किया गया है. यह फिल्म उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में कर से मुक्त कर दी गई है.