नयी दिल्ली: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी. इस बजट में शिक्षा के लिए क्या होगा, इसपर सबकी नजरें हैं. जानकारी के मुताबिक शिक्षा पर राजग सरकार जीडीपी का छह प्रतिशत पर खर्च करेगी. सरकार का लक्ष्य है कि बेसिक शिक्षा हेतु जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे भवन निर्माण, मिड-डे-मिल, बेहतर संसाधन उपलब्ध कराये जायें, साथ ही शोध कार्य के लिए भी फंड उपलब्ध कराया जाये.
डॉ के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में बनी समिति ने 31 मई 2019 को नयी शिक्षा नीति का प्रारूप मंत्रालय को सौंपा था. मंत्रालय ने इस प्रारूप को 31 जुलाई 2019 तक सार्वजनिक कर दिया है ताकि आम जनता, शिक्षक, शिक्षाविद् और विशेषज्ञ इस पर अपना सुझाव दे सकें.
शोध आधारित उच्च शिक्षा को बढ़ावा
2019 के आम चुनावों से पहले राजग सरकार द्वारा पेश अंतरिम बजट में राष्ट्रीय शिक्षा मिशन के लिए 38,572 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. अंतरिम बजट में स्कूली और उच्च शिक्षा के लिए 93,847.64 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे. मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था देशभर में 62 नये नवोदय विद्यालय और ग्रामीण इलाकों में एकलव्य विद्यालयों की स्थापना की जायेगी. नवोदय विद्यालयों में 5000 सीटों में इजाफा किये जाने जैसी सकारात्मक घोषणाओं के बीच प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति में सुधार के लिए सरकार इस बार के बजट में क्या प्रावधान करेगी इस पर भी लोगों की नजरें हैं. हालांकि नयी सरकार के गठन के बाद से ही सरकार ने साफ किया है कि शोध आधारित शिक्षा पर खास ध्यान दिया जायेगा.
प्राथमिक शिक्षा में सुधार की जरूरत
देशभर में प्राथमिक शिक्षा को लेकर असर की रिपोर्ट चिंताजनक दिखी थी. पिछले साल किये गये इस सर्वे में देखा गया था कि अधिकांश राज्यों में प्राथमिक विद्यालय भवन, शिक्षक की कमी और बड़ी संख्या में ड्रॉपआउट जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं. इसका नकारात्मक असर गुणवत्ता पर दिखा और देखा गया कि 8वीं कक्षा तक के बच्चे हिंदी-अंग्रेजी के सामान्य पाठों को पढ़ पाने तथा सामान्य अंकगणित को हल पाने में सक्षम नहीं हैं.
ऑनलाइन शिक्षा एक चुनौती
कुछ शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी आधारित शिक्षा और उसके डिजिटल वितरण की दिशा में सकारात्मक प्रयास पर ध्यान देना चाहिए. कहा जा रहा कि ऑनलाइन एजुकेशन के क्षेत्र में भारत अभी प्रारंभिक चुनौतियों से ही जूझ रहा है.
विशेषज्ञों ने उम्मीद जतायी है कि आगामी 5 जुलाई को जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी तो इसमें शोध और तकनीक आधारित उच्च शिक्षा के लिए नये प्रावधान होंगे और इनमें सार्वजनिक व्यय को भी बढ़ाया जायेगा.