नयी दिल्लीः मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट आज पेश होने जा रहा है. पहली बार निर्मला सीतारमण बतौर वित्त मंत्री बजट पेश करेंगी. उम्मीद जतायी जा रही है कि इस बजट में मोदी सरकार मिडिल क्लास को बड़ा तोहफा दे सकती है. इनकम टैक्स छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये किया जा सकता है.
इसके अलावा पांच लाख से आठ लाख रुपये की आय पर 10 फीसदी का टैक्स स्लैब का ऐलान संभव है. बजट से इस बार सबसे ज्यादा उम्मीदें टैक्सपेयर्स को हैं. क्योंकि, लोकसभा चुनाव से पहले फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट में सरकार ने टैक्सपेयर्स के लिए थोड़ी राहत देते हुए 5 लाख तक की आय वालों के लिए रीबेट का ऐलान किया था. उम्मीद की जा रही है कि इस बजट में सरकार टैक्सपेयर्स को और बड़ी रियायतें दे सकती है.
उम्मीदेंः
इनकम टैक्स
80C में ज्यादा छूट- मौजूदा समय में 80 सी में 1.5 लाख रुपये की छूट है. इसको 30 हजार रुपये से 50 हजार रुपये तक बढाया जा सकता है. इसके जरिए पीपीएफ और एनपीएस जैसे माध्यमों में लोग ज्यादा निवेश करने के लिए प्रेरित होंगे. इसके जरिए सरकार के पास खर्च करने को ज्यादा फंड होगा.
80D में ज्यादा छूट- 80 डी में टैक्स सेविंग के दायरे को बढाया जा सकता है. फिलहाल, हेल्थकेयर क्षेत्र के इंस्टूमेंटस में निवेश पर 60 साल से कम उम्र वालों को 25 हजार रुपये की कर छूट मिलती है. इसको कुछ हजार रुपये बढ़ाया जा सकता है जिससे हेल्थकेयर सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा.
होम लोन- सेक्शन 24बी के तहत फिलहाल होम लोन पर छूट दो लाख रुपये मिलती है. जिस तरह से रियल एस्टेट सेक्टर बुरी हालत में है उसको बढ़ावा देने के मकसद से सेक्शन 24बी में मिलने वाली इस छूट को बढ़ाया जा सकता है.
टैक्स फ्री बॉन्ड्स- इस बजट में एक बार फिर से टैक्स फ्री बॉन्ड्स की वापसी हो सकती है. इस बजट में लांग टर्म टैक्स फ्री बॉन्ड्स की घोषणा हो सकती है. ये बॉन्ड्स 10 से 15 साल की अवधि के हो सकते हैं. इसके जरिए जहां सरकार को पैसे जुटाने में आसानी होगी तो वहीं दूसरी तरफ निवेश करने वाले लोगों को अर्जित ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.
इनडायरेक्ट टैक्स
– इलेक्टिक वाहन: इस बजट में ये एक ऐसा सेक्टर है जहां काफी घोषणाएं हो सकती हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों के विभिन्न कल पुर्जों पर लगने वाले आयात शुल्क में कटौती हो सकती है. इसके अलावा बैटरी आयात पर लगने वाले शुल्क को भी घटाया जा सकता है. इसके अतिरिक्त चार्जिंग इंफ्रास्टक्चर को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की टैक्स छूट और रियायतें दी जा सकती हैं.
पावर सेक्टर: बिजली क्षेत्र को बढ़ावा देने के मकसद से पावर प्लांट के लिए कल पुर्जों के आयात पर लगने वाले शुल्क में कटौती संभव है.
– एनपीएस को बढ़ावा: न्यू पेंशन स्कीम को बढ़ावा देने के लिए बजट में कदम उठाया जा सकता है. एनपीएस स्कीम को बजट में ईईई का तमगा दिया जा सकता है. इससे ग्राहकों को रकम निकासी पर कोई ब्याज नहीं देना होगा.
कोल सेस: कोयले पर अतिरिक्त सेस लगाया जा सकता है जिसका सीधा उपयोग रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा.