नयी दिल्ली : सरकारी खजाने में आने वाले प्रत्येक एक रुपये में 68 पैसे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से आयेगा, जबकि खर्च के तौर पर करों और शुल्कों में राज्यों का हिस्से में सबसे ज्यादा 23 पैसे जायेंगे. बजट दस्तावेजों में यह बताया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में शुक्रवार को पेश 2019- 20 के बजट में केंद्र सरकार को मिलने वाले प्रत्येक एक रुपये में वस्तु एवं सेवा कर की वसूली से 19 पैसे प्राप्त होंगे. वहीं, कंपनी कर का योगदान 21 पैसे अनुमानित है.
इसके अलावा, सरकार को उधार और दूसरी प्राप्तियों से 20 पैसे और आयकर से 16 पैसे मिलेंगे. केंद्र सरकार को गैर-कर राजस्व के तौर पर विनिवेश से 9 पैसे प्राप्त होंगे. वहीं, केंद्रीय उत्पाद शुल्क से 8 पैसे, सीमा शुल्क से 4 पैसे और गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियों से 3 पैसे मिलेंगे. सार्वजनिक व्यय के प्रत्येक रुपये में सबसे अधिक 23 पैसे करों और शुल्क में राज्यों के हिस्से के तौर पर उन्हें हस्तांतरित होगा. ब्याज भुगतान पर 18 पैसे, रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन पर 9 पैसे खर्च होंगे.
केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं पर 13 पैसे खर्च होंगे, जबकि केंद्र प्रायोजित योजनाओं पर 9 पैसे खर्च होंगे. वित्त आयोग की सिफारिशों पर हस्तांतरण पर 7 पैसे खर्च होंगे. सब्सिडी की मद में 8 पैसे जायेंगे, जबकि पेंशन पर 5 पैसे का खर्च होगा. 8 पैसे सरकार दूसरी मदों पर खर्च करेगी.