नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा शुक्रवार को बजट में ईंधन पर कर बढ़ाने की घोषणा के बाद पेट्रोल के दाम में 2.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल में 2.30 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि होगी. वित्त मंत्री ने वाहन ईंधनों पर उत्पाद शुल्क और सड़क एवं अवसंरचना उपकर में कुल मिला कर दो-दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है. इससे सरकार को 28,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है.
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स्थानीय बिक्री कर या मूल्य वर्धित कर (वैट) को जोड़ने के बाद पेट्रोल में ढाई रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम में 2.30 रुपये की वृद्धि होगी. शुक्रवार को दिल्ली में पेट्रोल के दाम 70.51 रुपये और मुंबई में 76.15 रुपये है. वहीं, डीजल दिल्ली में 64.33 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 67.40 रुपये प्रति लीटर है. वित्त मंत्री ने कच्चे तेल पर भी एक रुपये प्रति टन का सीमाशुल्क या आयात शुल्क भी लगाया है. भारत 22 करोड़ टन से ज्यादा कच्चा तेल आयात करता है और नये शुल्क से सरकार को 22 करोड़ रुपये की अतिरिक्त प्राप्ति होगी.
फिलहाल, सरकार ने कच्चे तेल पर कोई सीमाशुल्क नहीं लगाया हुआ है और इसके आयात पर केवल राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक शुल्क (एनसीसीडी) के रूप में सिर्फ 50 रुपये प्रति टन का शुल्क लगता है. वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि कच्चा तेल ऊंचे स्तर से अब नीचे की ओर आ रहा है. इसने पेट्रोल और डीजल पर उपकर एवं उत्पाद शुल्क की समीक्षा करने की गुंजाइश पैदा हुई है. मैंने पेट्रोल और डीजल प्रत्येक पर दो-दो रुपये का विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और सड़क एवं अवसंरचना उपकर बढ़ाने का प्रस्ताव किया है.
फिलहाल, पेट्रोल पर कुल 17.98 रुपये प्रति लीटर का उत्पाद शुल्क और उपकर (सामान्य उत्पाद शुल्क 2.98 रुपये, विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क सात रुपये और सड़क एवं अवसंरचना उपकर आठ रुपये) लगता है. वहीं, डीजल पर कुल 13.83 रुपये प्रति लीटर के शुल्क (सामान्य उत्पाद शुल्क 4.83 रुपये, विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क एक रुपये और सड़क एवं अवसंरचना उपकर 8 रुपये) लगते हैं. इन सबके अलावा, ईंधन पर वैट लगता है, जो कि अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है. दिल्ली में पेट्रोल पर 27 फीसदी और डीजल पर 16.75 फीसदी का शुल्क लगता है.