Best Investment Option After Budget 2021 : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को बजट 2021 पेश किये जाने के बाद प्रोविडेंट फंड (PF) में निवेश करने वेतनभोगी कर्मचारियों को झटका लगा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि अब एक वित्त वर्ष में केवल 2.5 लाख रुपये तक निवेश करने पर ही टैक्स में छूट का लाभ मिलेगा. दरअसल, प्रॉविडेंट फंड में किया गया निवेश टैक्स-फ्री होता है. इसमें आयकर कानून की धारा-80सी के तहत टैक्स डिडक्शन का फायदा भी मिलता है.
ज्यादातर कंपनियां अपने वेतनभोगी कर्मचारियों की सैलरी का एक हिस्सा काटकर आपके ईपीएफ खाते में ट्रांसफर कर देती हैं. साथ ही कंपनियां भी उतना ही हिस्सा अपनी तरफ से इस अकाउंट में डालती हैं. वहीं, ईपीएफ में निवेश की तय सीमा है. ऐसे में अगर आप ईपीएफ में योगदान बढ़ाना चाहते हैं तो वॉलेंटरी प्रॉविडेंट फंड (VPF) के जरिये ऐसा कर सकते हैं, यानि वॉलिटंरी प्रोविडेंट फंड यानी वीपीएफ के जरिए निवेश कर के आप बहुत ही शानदार रिटर्न पा सकते हैं. बता दें कि पीपीएफ ही है जो वीपीएफ से अधिक रिटर्न देता है. लेकिन, उसमें पैसे लगाने की सीमा 1.5 लाख रुपये है.
– 1. 5 लाख रुपये से अधिक वार्षिक पैसों पर अधिक रिटर्न चाहते हैं तो वीपीएफ फायदे का सौदा साबित होगा.
– टैक्स के बावजूद मिलेगा 5.85 फीसदी रिटर्न
– वीपीएफ के मामले में अगर आप रिटायरमेंट के बाद 3 साल तक पैसे नहीं निकालते हैं तो वह अकाउंट इनऑपरेटिव हो जाता है
– वीपीएफ पर मिलने वाले फायदों को आसान शब्दों में समझें तो आपके योगदान पर ना सिर्फ धारा-80सी के तहत लाभ मिलेगा, बल्कि निवेश की अवधि में जमा हुए ब्याज पर भी कोई टैक्स नहीं लगेगा.
– मैच्योरिटी की रकम भी टैक्स-फ्री होगी.
– वीएफएफ आपकी ईपीएफ स्कीम का ही एक्सटेंशन है और इसमें निवेश, एक्युमुलेशन और मैच्योरिटी स्टेटस तीनों पर टैक्स छूट मिलती है.
– ध्यान रहे, आप वही पैसा वीपीएफ में लगाएं, जिसका भविष्य में आपको कोई इस्तेमाल नहीं करना है.
– वॉलेंटरी प्रॉविडेंट फंड की मदद से आपको रिटायरमेंट के बाद अच्छा खासा फंड भी मिल जाएगा.
– इसमें किया गया निवेश पूरी तरह से सुरक्षित रहता है, क्योंकि ये केंद्र सरकार की ओर से समर्थन प्राप्त है.
– इसमें किया जाने वाला योगदान स्वैच्छिक होता है और आप जब चाहें तो इसे बंद कर सकते हैं.
Upload By Samir Kumar