नयी दिल्ली: रिजर्व बैंक आगामी दो दिसंबर को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों को पूर्ववत रख सकता है, लेकिन अगले साल इसमें केंद्रीय बैंक आधा प्रतिशत तक कमी ला सकता है. मोर्गन स्टेनले की रिपोर्ट में आज यह अनुमान व्यक्त किया गया है.
इस प्रमुख वैश्विक वित्तीय सेवाओं के प्रमुख के अनुसार रिजर्व बैंक की तरफ से दरों में पहली कटौती अप्रैल 2015 से पहले या फिर इसके अंत तक की जा सकती है.
मोर्गन स्टेनले ने एक शोध रिपोर्ट में कहा है कि हमारा मानना है कि रिजर्व बैंक 2 दिसंबर को नीतिगत दरों को यथावत रख सकता है, हमें इस दिन होने वाली बैठक में दरों में कटौती की बहुत कम उम्मीद है.
इस वैश्विक ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि खुदरा मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में और नरमी का रुख रहेगा. ग्रामीण क्षेत्रों में वेतन वृद्धि में नरमी, राजकोषीय घाटे में और कमी, वास्तविक जमा दर में सतत सकारात्मक रुख, वैश्विक स्तर पर उपभोक्ता वस्तुओं के दाम में नरमी और आवास लागत में नरमी जैसे कई कारक हैं, जिनसे मुद्रास्फीति नरम रखने में मदद मिलेगी.
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