नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच नवंबर को अशोक चक्र के निशान वाला ‘‘भारत स्वर्ण-मुद्रा’ और अन्य योजनाओं की शुरुआत करेंगे.‘‘भारत स्वर्ण-मुद्रा’ 5 ग्राम और 10 ग्राम वजन की होगी. मोदी स्वर्ण मौद्रीकरण तथा सरकारी स्वर्ण बांड योजनाओं की भी शुरुआत करेंगे. इन योजनाओं का मकसद घरों और मंदिरों में निष्क्रिय पडे 20,000 टन सोने को बाजार में लाना है ताकि उसका विकास के लिए उपयोग हो सके.
सूत्रों ने कहा कि सरकार पांच नवंबर को स्वर्ण मौद्रिकरण योजना, स्वर्ण बांड योजना तथा भारत स्वर्ण-मुद्रा पेश करेगी. इन योजनाओं को दिवाली से पहले पेश किया जा रहा है ताकि लोगों को इसकी तरफ आकर्षित किया जा सके.जहां तक स्वर्ण-मुद्रा का सवाल है, शुरू में यह 5 ग्राम और 10 ग्राम में उपलब्ध होगी. सूत्रों के मुताबिक, ‘‘भारतीय प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लि. द्वारा भारत स्वर्ण-मुद्रा की ढलाई हो रही है. प्रारंभ में पांच ग्राम के 20,000 तथा 10 ग्राम के 30,000 सिक्के उपलब्ध कराए जाएंगे’ ये स्वर्ण मुद्रा बाजार से सस्ते होंगे और बैंकों तथा डाकघरों के जरिये दिये जाएंगे.
उल्लेखनीय है कि भारत सोने का प्रमुख उपभोक्ता देश है. लोग विभिन्न त्यौहारों, शादी तथा निवेश के मकसद से मूल्यवान धातु खरीदते हैं.सरकार ने सितंबर में स्पर्ण मौद्रिकरण योजना को मंजूरी दी थी. इसका मकसद 5,40,000 करोड रपये मूल्य के निष्क्रिय पडे 20,000 टन सोने को बैंकिंग प्रणाली में लाना है. इसी तरह निवेशकों को सोने के विकल्प के रुप में सरकारी स्वर्ण बांड जारी किये जाएंगे.
सरकारी स्वर्ण बांड अलग अलग किस्तों में जारी किये जाएंगे. इन पर ब्याज रपये में मिलेंगे. चालू वित्त वर्ष में इस बांड निर्गम से सरकार का 15,000 करोड रुपये जुटाने का लक्ष्य है. इसे रिजर्व बैंक के साथ सलाह करके जारी किया जा रहा है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.