5G Spectrum Auction Update: देश में पांचवीं पीढ़ी (5जी) के स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए बुधवार को दूसरे दिन 1.49 लाख करोड़ रुपये की बोलियां आईं. विभिन्न बैंड में स्पेक्ट्रम के लिये रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी कंपनियों ने आक्रमक तरीके से बोली लगायी. नीलामी बृहस्पतिवार को भी जारी रहेगी.
5जी स्पेक्ट्रम के लिए दूसरे दिन कुल पांच दौर की बोली लगायी गयी. दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नीलामी में बोली में रखे गये सभी बैंड के लिए अच्छी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली. उन्होंने 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में मिली प्रतिक्रिया को लेकर खुशी जतायी. इस बैंड के लिये 2016 और 2021 में हुई नीलामी में कोई खरीदार नहीं आया था. 700 मेगाहर्ट्ज बैंड महंगा और महत्वपूर्ण है. यह दूरदराज के क्षेत्रों में ‘कवरेज’ के लिए महत्वपूर्ण है.
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वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा, क्षेत्र नयी ऊर्जा के साथ आगे आया है और यह 5जी नीलामी में मिली अच्छी प्रतिक्रिया से प्रतिबिंबित होता है. मुकेश अंबानी, सुनील भारती मित्तल और गौतम अडाणी की कंपनियों के साथ-साथ वोडाफोन आइडिया ने बोली के पहले दिन मंगलवार को चार दौर की नीलामी में 1.45 लाख करोड़ रुपये की बोली लगायी थी.
बुधवार को पांच दौर की नीलामी में रेडियो तरंगों की अतिरिक्त मांग आयी. दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नीलामी बृहस्पतिवार को भी जारी रहेगी. उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि नीलामी में बोली में रखे गये सभी बैंड के लिए अच्छी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली. नौवें दौर की बोली की समाप्ति पर 1,49,454 करोड़ रुपये की बोलियां आयीं. विश्लेषकों ने कहा कि बोली में शामिल कंपनियों में अंबानी की रिलायंस जियो सबसे आक्रमक तरीके से बोली लगा सकती है.
मंत्री ने कहा कि 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज जैसे सभी बैंड में उल्लेखनीय गतिविधियां देखने को मिलीं. उन्होंने कहा, 700 मेगाहर्ट्ज बैंड पिछली दो नीलामियों से अबतक नहीं बिका था. हमें भरोसा है कि इससे देश के दूरदराज के क्षेत्रों में बेहतर सेवा मिलेगी. प्रक्रिया के तहत नीलामी संपन्न होने तक यह नहीं पता चलेगा कि किस कंपनी को कितना स्पेक्ट्रम मिला.
पहले दिन की नीलामी में 1.45 लाख करोड़ रुपये की बोली सरकार के आतंरिक अनुमान से कहीं अधिक रही. साथ ही यह 2015 में नीलामी से प्राप्त 1.09 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड राजस्व से कहीं अधिक है. नीलामी के दूसरे दिन सरकार के 80,000 करोड़ रुपये के आंतरिक अनुमान से मांग 87 प्रतिशत अधिक रही. 5जी सेवाओं के आने से इंटरनेट की गति 4जी के मुकाबले करीब 10 गुना अधिक होगी. इसमें इंटरनेट की गति इतनी होगी कि मोबाइल पर एक फिल्म (मूवी) को कुछ सेकेंड में ही डाउनलोड किया जा सकेगा.
साथ ही इससे ई-स्वास्थ्य, मेटावर्स, अत्याधुनिक मोबाइल क्लाउड गेमिंग समेत विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे. सरकार का 14-15 अगस्त तक स्पेक्ट्रम आवंटित करने का लक्ष्य है जबकि 5जी सेवाएं सितंबर-अक्टूबर में शुरू होने की उम्मीद है. कुल मिलाकर, नीलामी विभिन्न निम्न (600 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1,800 मेगाहर्ट्ज, 2,100 मेगाहर्ट्ज, 2,300 मेगाहर्ट्ज), मध्यम (3,300 मेगाहर्ट्ज) और उच्च (26 गीगाहर्ट्ज) आवृत्ति बैंड में स्पेक्ट्रम के लिए आयोजित की जा रही है.
कम-से-कम 4.3 लाख करोड़ रुपये मूल्य के कुल 72 गीगाहर्ट्ज रेडियो तरंगों के लिए बोली लगायी जा रही है. केपीएमजी इन इंडिया के भागीदार और प्रमुख (डिजिटल सॉल्यूशंस एंड टेलीकम्युनिकेशंस इंडस्ट्री) पुरुषोत्तम केजी ने कहा कि 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी पिछले कुछ साल में अबतक की सबसे अच्छी नीलामी रही है.
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