8th Pay Commission: मोदी सरकार ने गुरुवार को केंद्र के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आठवें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है. इस फैसले से देशभर में लाखों सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा इजाफा होने की संभावना है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में संशोधन करने के लिए आठवें वेतन आयोग को मंजूरी प्रदान की है.
1947 से अब तक सात वेतन आयोग लागू
केंद्रीय मंत्री ने हाल ही में एक प्रेस ब्रीफिंग में जानकारी दी कि 1947 से अब तक कुल सात वेतन आयोग लागू किए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नियमित वेतन आयोग बनाने का संकल्प लिया था, जिसके अंतर्गत 2016 में सातवें वेतन आयोग की शुरुआत हुई. यह आयोग 2026 तक प्रभावी रहना था, लेकिन सरकार ने इसे तय समय से पहले ही लागू कर दिया.
वेतन आयोग का गठन हर दस साल में किया जाता है, ताकि सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में समय-समय पर आवश्यक संशोधन किए जा सकें. यह संशोधन महंगाई और अन्य आर्थिक कारकों को ध्यान में रखकर किया जाता है. सातवें वेतन आयोग से पहले छठे,पांचवें,पांचवें और चौथे वेतन आयोग का कार्यकाल भी दस-दस वर्षों का था.
सातवें वेतन आयोग का गठन 2014 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान हुआ था. इसके बाद 2016 में मोदी सरकार ने इसकी सिफारिशों को लागू किया.
पेंशनभोगियों को भी मिलेगा लाभ
8वें वेतन आयोग के लागू होने से पेंशनभोगियों को भी फायदा होगा. नई वेतन संरचना के तहत मौजूदा न्यूनतम पेंशन ₹9,000 से बढ़कर ₹17,280 हो सकती है. इसके अलावा फिटमेंट फैक्टर में भी वृद्धि की संभावना है जिससे कर्मचारियों के वेतन में भत्तों समेत 15-20% की और बढ़ोतरी हो सकती है.
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