Aadhaar Delivery: आधार कार्ड का इस्तेमाल अब सिर्फ पहचान प्रमाण तक सीमित नहीं है. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा विकसित चेहरा सत्यापन तकनीक ने डिजिटल लेनदेन की दुनिया में एक नई क्रांति ला दी है. सोमवार 20 जनवरी 2025 को आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में इस दिशा में नए कदमों पर चर्चा की गई, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल हुए.
500 विशेषज्ञों की मौजूदगी में हुआ ‘आधार संवाद’
महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से आयोजित इस ‘आधार संवाद’ में 500 से अधिक वरिष्ठ नीति-निर्माताओं, उद्योग के दिग्गजों, बैंकों और वित्तीय प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों ने भाग लिया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य आधार कार्ड की सेवाओं को और अधिक उपयोगी बनाना और चेहरा सत्यापन (फेस वेरिफिकेशन) आधारित तकनीक को बेहतर तरीके से लागू करना था.
फेस वेरिफिकेशन तकनीक का शानदार आंकड़ा
यूआईडीएआई द्वारा अक्टूबर 2021 में चेहरा सत्यापन आधारित तकनीक की शुरुआत की गई थी. मात्र पांच महीनों में यह तकनीक 50 करोड़ लेनदेन का आंकड़ा पार कर गई. अब यह संख्या 100 करोड़ तक पहुंच चुकी है. एआई और मशीन लर्निंग (AI/ML) तकनीक से संचालित इस प्रणाली ने बड़े पैमाने पर लेनदेन को आसान, तेज और सुरक्षित बना दिया है.
डिजिटल लेनदेन में आधार की बढ़ती भूमिका
आधार की मदद से अब डिजिटल लेनदेन और सेवाओं की डिलीवरी में और अधिक पारदर्शिता और सुविधा सुनिश्चित की जा रही है. चेहरा सत्यापन तकनीक को बैंकों, बीमा कंपनियों, फिनटेक और दूरसंचार कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है.
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यूआईडीएआई का विजन
यूआईडीएआई का कहना है कि इस तकनीक से सेवा वितरण में सुधार होगा और उपभोक्ताओं को नई सहूलियतें मिलेंगी. भविष्य में आधार का उपयोग कर डिजिटल सेवाओं की पहुंच को और व्यापक किया जाएगा.
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