24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अदाणी-हिंडनबर्ग केस: SC को सेबी का जवाब, 2016 से अदाणी ग्रुप के खिलाफ जांच नहीं, दावे तथ्यात्मक रूप से निराधार

अदाणी-हिंडनबर्ग केस: अदाणी समूह की कोई भी सूचीबद्ध कंपनी उपरोक्त 51 कंपनियों का हिस्सा नहीं थी. जांच पूरी होने के बाद इस मामले में उचित कार्रवाई की गई. इसने इस आरोप को “तथ्यात्मक रूप से निराधार” करार दिया कि सेबी 2016 से अदाणी समूह की जांच कर रहा है.

अदाणी-हिंडनबर्ग मामला: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह 2016 से अदाणी समूह की जांच नहीं कर रहा था और उसने इस तरह के दावों को “तथ्यात्मक रूप से निराधार” करार दिया. जांच पूरी करने के लिए छह महीने का समय मांग रहे बाजार नियामक ने अपने पहले के हलफनामे में 51 भारतीय फर्मों द्वारा ‘ग्लोबल डिपॉजिटरी रसीद’ (जीडीआर) जारी किये जाने का उल्लेख करते हुए बताया था कि अदाणी समूह की कोई भी सूचीबद्ध कंपनी उनमें से नहीं थी. सेबी गौतम अदाणी के नेतृत्व वाले समूह द्वारा शेयर की कीमतों में हेरफेर के आरोपों की जांच कर रही है.

मंगलवार तक के लिए सुनवाई स्थगित: वकील प्रशांत भूषण ने 12 मई को समय बढ़ाने की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि सेबी 2016 से इस मामले में कोई जांच कर रही है. प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ जनहित याचिकाओं और सेबी की एक याचिका पर सुनवाई कर रही है. न्यायालय ने समय के विस्तार के मुद्दे को लेकर सेबी की याचिका पर सुनवाई मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी. बाजार विनियामक की याचिका और जनहित याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई समय की कमी और अपराह्न तीन बजे विशेष पीठ के समक्ष कुछ मामलों की पूर्व निर्धारित सुनवाई के कारण आज नहीं हो सकी.

नियामक के ताजा हलफनामे में कहा गया कि सेबी द्वारा समय बढ़ाने के लिए दायर आवेदन का मतलब निवेशकों और प्रतिभूति बाजार के हित को ध्यान में रखते हुए न्याय सुनिश्चित करना है, क्योंकि पूर्ण तथ्यात्मक सामग्री के बिना मामले का कोई भी गलत या समय से पहले निष्कर्ष न्याय के उद्देश्य की पूर्ति नहीं करेगा और इसलिए कानूनी रूप से अस्थिर होगा. उसने कहा कि इसके पहले के जवाबी हलफनामे में उल्लिखित जांच का हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित और/या उत्पन्न होने वाले मुद्दों से कोई संबंध नहीं है.

Also Read: पोस्टर बैनर से नहीं… सेवा की राजनीति से मिले वोट, राजस्थान में गरजे गडकरी

तथ्यात्मक रूप से निराधार हैं आरोप: हलफनामे में कहा गया, पैरा 5 में संदर्भित मामला 51 भारतीय सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा ग्लोबल डिपॉजिटरी रसीद जारी करने से संबंधित है, जिसके संबंध में जांच की गई थी. हालांकि, अदाणी समूह की कोई भी सूचीबद्ध कंपनी उपरोक्त 51 कंपनियों का हिस्सा नहीं थी. जांच पूरी होने के बाद इस मामले में उचित कार्रवाई की गई. इसने इस आरोप को “तथ्यात्मक रूप से निराधार” करार दिया कि सेबी 2016 से अदाणी समूह की जांच कर रहा है. सेबी ने कहा, “इसलिए, कहता चाहता हूं कि जीडीआर से संबंधित जांच पर भरोसा करने की मांग पूरी तरह से गलत है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें