इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अडानी पावर ₹3,440 करोड़ में दिवालिया बिजली कंपनी कोस्टल एनर्जी का अधिग्रहण करने के करीब है. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि दो दिनों की गहन बोली के बाद, शनिवार देर शाम अदानी पावर विजेता बनकर उभरी. उन्होंने बताया कि दौड़ में शामिल अन्य बोलीदाता जिंदल पावर बाहर निकल गया.
कॉर्पोरेट दिवालियेपन से गुजर रहे कोस्टल एनर्जेन को लेकर शुक्रवार की दोपहर से बोली लगनी शुरू हुई थी. गौतम अदाणी को 18 राउंड की बोली के बाद 19वें राउंड सफलता मिली है. Sherisha Technologies ने बोली में हिस्सा नहीं लिया, जबकि जिंदल पावर ने 19वें राउंड में काउंटर बिड नहीं डाला.
गौतम अदाणी की तरफ से डिकी अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट के साथ मिलकर 3,440 करोड़ रुपये की बोली लगाई. बताया जा रहा है कि कई कंपनियां इस बोली में अपनी रुचि दिखा रही थीं. इसका मुख्य कारण है कि कंपनी के पास ऐसे पावर प्लांट हैं, जो परिचालन में हैं.
Also Read: Bank Privatization: सरकारी बैंकों के सुधरे हाल, फिर भी कई बैंक के निजीकरण की तैयारी कर रही सरकार, जानें डिटेलऐसे में, कोस्टल एनर्जेन दिवालिया होने के बाद कॉरपोरेट इन्सॉल्वेंसी की प्रक्रिया से गुजर रही कंपनी को खरीदने के लिए Sherisha Technologies, जिंदल पावर और डिकी अल्टरनेटिव बोली लगा रहे थे. शुरूआत में अदाणी पावर ने इसमें रुचि नहीं दिखायी थी और बोली लगाने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट सबमिट नहीं किया था. हालांकि, बाद में कंपनी ने डिकी अल्टरनेटिव के साथ मिलकर बोली लगायी.
कोस्टल एनर्जेन के पास तमिलनाडु में दो ऑपरेशनल पावर प्लांट हैं. दोनों की क्षमता करीब 600-600 मेगावाट की है. बेहतर बात ये है कि कंपनी के पास, तमिलनाडु जेनेरेशन एंड डिस्ट्रिब्यूशन कॉरपोरेशन के साथ एक एक्टिव पर्चेज एग्रीमेंट है. ये एग्रीमेंट साल 2028 तक वैध है.
बताया जा रहा है कि कोस्टल एनर्जेन पर कर्मचारियों व विभिन्न कर्जदारों के 12,247 करोड़ रुपये का बकाया है. यानी, जो कीमत अदाणी ने ऑफर किया है, वो कंपनी के कुल कर्ज का केवल 35 प्रतिशत है. हालांकि, इस सौदे को लेकर अदाणी पावर की तरफ से अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है.
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