Agriculture: किसानों के लिए एक अच्छी खबर है. अब उन्हें लोन पाने के लिए तीन से चार सप्ताह का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. उन्हें झटपट लोन मिल जाएगा. नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) ने डिजिटल कृषि ऋण में क्रांति लाने के लक्ष्य के साथ पब्लिक टेक प्लेटफॉर्म फॉर फ्रिक्शनलेस क्रेडिट (PTPFC) के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी की है. इस साझेदारी के तहत, नाबार्ड ने अपने ई-केसीसी ऋण उत्पत्ति प्रणाली पोर्टल (e-KCC loan origination system portal) को पीटीपीएफसी प्लेटफॉर्म से जोड़ा है. नाबार्ड ने सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के लिए डिजिटल किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन प्रोसेसिंग की सुविधा के लिए एक ऋण प्रणाली प्लेटफॉर्म तैयार किया है.
कहां होगा लागू
साझेदारी के पायलट चरण में, समझौते को कर्नाटक ग्रामीण बैंक, महाराष्ट्र ग्रामीण बैंक और आंध्र प्रदेश के सहकारी बैंकों सहित चयनित आरआरबी में लागू किया जाएगा. इसका उद्देश्य देशभर के सभी सहकारी बैंकों और आरआरबी में लगभग पांच करोड़ केसीसी ऋण वितरण लक्ष्य तक पहुंचने के लिए इस डिजिटल ऋण वितरण मंच का और विस्तार करना है. दोनों संगठनों की यह पहल ऋणदाताओं के परिचालन ओवरहेड्स को काफी कम कर देगी और अधिक व्यक्तियों को ऋण प्रदान करेगी. यह एक अधिक समावेशी और कुशल ग्रामीण आर्थिक पारिस्थितिकी तंत्र को भी बढ़ावा देगा.
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क्या कहते हैं अधिकारी
नाबार्ड के अध्यक्ष के.वी. शाजी ने बताया कि कृषि ऋण के डिजिटलीकरण से बैंकों की दक्षता में सुधार होगा. यह किसानों को त्वरित ऋण वितरण भी सुनिश्चित करेगा, जिससे ग्रामीण समृद्धि बढ़ाने के नाबार्ड के मिशन को आगे बढ़ाया जाएगा. पीटीपीएफसी के साथ साझेदारी लगभग 351 जिला और राज्य सहकारी बैंकों और 43 आरआरबी को अधिक प्रभावी क्रेडिट अंडरराइटिंग में सक्षम बनाएगी.
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