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लॉकडाउन खत्म होने के बाद स्वास्थ्य सेवाओं की बहाली के लिए एम्स ने गठित की समिति

दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के प्रशासन ने कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले एक महीने से जारी देशव्यापी लॉकडाउन भविष्य में हटाये जाने के बाद सामान्य स्वास्थ्य सेवाएं बहाल करने की रणनीति बनाने के लिए एक समिति का गठन किया है.

नयी दिल्ली : दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के प्रशासन ने कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले एक महीने से जारी देशव्यापी लॉकडाउन भविष्य में हटाये जाने के बाद सामान्य स्वास्थ्य सेवाएं बहाल करने की रणनीति बनाने के लिए एक समिति का गठन किया है. कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए देश मे एक महीने से लॉकडाउन है. देश में कोविड-19 से संक्रमण के मामलों की संख्या 27,892 है और 872 लोगों की इसकी वजह से जान जा चुकी है.

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लॉकडाउन के दौरान देश के शीर्ष चिकित्सा संस्थानों में शुमार एम्स में पिछले एक महीने से बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) की सेवाएं बंद होने के अलावा टाली जा सकने वाली शल्य चिकित्सा सुविधा भी निलंबित कर दी गयी है. एम्स प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि समिति ने सोमवार को अपनी पहली बैठक में संस्थान की सामान्य स्वास्थ्य सेवाएं चरणबद्ध तरीके से बहाल किये जाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया. इसमें निलंबित चल रही ओपीडी एवं शल्य चिकित्सा सुविधा को फिर से शुरू किये जाने पर विचार किया गया.

फिलहाल, एम्स में केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के तहत सिर्फ कोविड-19 मरीजों के इलाज पर ध्यान देने के लिए इन चिकित्सा सेवाओं को 25 मार्च से बंद रखा गया है. इस दौरान गंभीर मरीजों एवं पहले से उपचाराधीन नियमित मरीजों के लिए एम्स में टेलीमेडिसिन सेवा 21 अप्रैल से शुरूकी गयी है. चिकित्सा सेवाओं की सामान्य बहाली के लिए गठित 24 सदस्यीय समिति की अध्यक्षता एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया कर रहे है. समिति लॉकडाउन के बाद संस्थान की चिकित्सा सेवाओं को बहाल करने की रणनीति तय कर इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करेगी.

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