69 साल अपने अधीन रखने के बाद आज सरकार एयर इंडिया को टाटा समूह को वापस कर सकती है. हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार, आज यानी गुरुवार को सरकार एयर इंडिया एयरलाइन टाटा कंपनी को सौंप सकती है. टाटा कंपनी ने बीते साल अक्टूबर में एअर इंडिया की बोली जीती थी. इसको लेकर आज टाटा बोर्ड की अहम बैठक भी होने वाली है.
गौरतलब है कि बीते साल 2021 में टाटा ने सबसे बड़ी बोली लगाकर एयर इंडिया को जीत लिया था. टाटा कंपनी ने एअर इंडिया के लिए 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. हालांकि इससे पहले भी एयर इंडिया को बेचने की कोशिश की गई थी, लेकिन उस समय इसे सफलता नहीं मिली थी. इस कड़ी में 2001 में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने एयर इंडिया की 40 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश की थी.
इसके बाद मोदी सरकार में साल 2017 को सरकार ने एयर इंडिया के निजीकरण को मंजूरी दी. फिर साल 2018 में सरकार ने एयर इंडिया की 76 फीसदी हिस्सेदारी और ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की 50 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) जारी किया.
एयर इंडिया की हुई घर वापसी: जनवरी 2020 में भी सरकार ने एयर इंडिया की पूरी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया. सरकार ने बोली लगाने के लिए निजी व्यवसायियों को आमंत्रित करने के लिए एक ईओआई भी जारी किया. लेकिन देश में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के कारण बेचने की प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया. इसके बाद सरकार ने 2021 के अक्टूबर में नीलामी की प्रक्रिया फिर शुरू की, और टाटा ने सबसे बड़ी बोली लगाकर इसे अपने नाम कर लिया.
गौरतलब है कि घर वापसी के बाद एयर इंडिया सार्वजनिक से निजी हाथों में आ जाएगी. उम्मीद की जा रही है कि इसमें कुछ बदलाव भी देखने को मिलेगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विमान के दरवाजे फ्लाइट टाइम से 10 मिनट पहले बंद होंगे. विमान में यात्रियों की मेहमान कहकर संबोधित किया जाएगा.
टाटा से सरकार, फिर सरकार से टाटा के पास पहुंची एयर इंडिया: गौरतलब है कि एयर इंडिया को सबसे पहले टाटा के जेआरडी टाटा ने 1932 में लांच किया था. टाटा समूह ने इसका नाम टाटा एयरलाइंस रखा था. फिर 1946 में इसका नाम एअर इंडिया कर दिया गया. इसके बाद 1954 में सरकार ने इसे टाटा से खरीद लिया. और उसका राष्ट्रीयकरण कर दिया.
Posted by: Pritish Sahay
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