Bajaj Auto Share Buyback: टू-व्हीलर बनाने वाली बड़ी कंपनी बजाज ऑटो ने बड़ा एलान किया है. कंपनी के बोर्ड ने शेयरों के बायबैक को मंजूरी दे दी है. इसका मुल्य करीब 4,000 करोड़ रुपये होगा. बजाज ऑटो ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि कंपनी के निदेशक मंडल ने 10 रुपये अंकित मूल्य के 40,00,000 शेयर के पुनर्खरीद प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. यह पुनर्खरीद 10,000 रुपये प्रति शेयर के भाव पर की जाएगी. इस प्रकार, यह पुनर्खरीद 4,000 करोड़ रुपये की होगी. पुनर्खरीद को शेयरधारकों की मंजूरी मिलनी बाकी है. कंपनी शेयर धारकों को मौजूदा प्राइस से 43 प्रतिशत अधिक प्रीमियम दे रही है. बता दें कि सोमवार को बजाज ऑटो के शेयर गिरे हुए बाजार में भी 0.1 प्रतिशत की तेजी के साथ 6983.85 रुपये पर बंद हुआ. निवेशकों को कंपनी के शेयर से पिछले एक साल में 93 प्रतिशत का मुनाफा हुआ है. वहीं, पिछले पांच दिनों में कंपनी के शेयर में 4.19 फीसदी उछाल आया है. जबकि, एक महीने में 14 फीसदी और 6 महीने में 43 फीसदी का उछाल आया है. वर्तमान में कंपनी का मार्केट कैप 1,97,820.88 करोड़ रुपये हो जाता है.
दूसरी बार बायबैक कर रही है कंपनी
बजाज ऑटो के द्वारा कंपनी के कुल इक्विटी शेयरों की संख्या का 1.41 प्रतिशत खरीदारी की जा रही है. अभी कंपनी के पास प्रमोटर और प्रमोटर समूह संस्थाओं के पास बजाज ऑटो में 54.94% हिस्सेदारी है. जबकि, विदेशी संस्थागत निवेशकों के पास 14.72% हिस्सेदारी है. इससे पहले पिछले सप्ताह कंपनी के द्वारा घोषणा की गयी थी कि उसका बोर्ड शेयरों के बाय बैक के लिए विचार करेगा. हालांकि, कंपनी ये दूसरी बार शेयरों के बाय बैक की योजना बना रहा है. इससे पहले जब कंपनी ने बायबैक किया था, उस वक्त से अभी तक शेयर की कीमत लगभग दोगुना बढ़ गयी है. पिछली बार कंपनी ने ओपन मार्केट के जरिए शेयर बायबैक किया था. हालांकि, इस बार कंपनी ने शेयरों को खरीदने के लिए टेंडर ऑफर रूट का इस्तेमाल किया है. भारतीय शेयर बाजार के साथ साल 2023 का आखिरी महीना बजाज ऑटो के लिए काफी अच्छा रहा था. बजाज ऑटो की दिसंबर 2023 में कुल बिक्री 16 प्रतिशत बढ़कर 3,26,806 इकाई हो गई. वहीं, कंपनी दिसंबर 2022 में कुल 2,81,514 इकाइयों की बिक्री की थी. इस हिसाब से दिसंबर 2023 में दोपहिया वाहनों की बिक्री 15 प्रतिशत बढ़कर 2,83,001 इकाई हो गयी. कंपनी के घरेलू दोपहिया वाहनों की बिक्री 26 प्रतिशत तक बढ़ गयी.
शेयर बॉयबैक क्या होता है
जब कोई कंपनी अपने ही शेयर को ओपन मार्केट से शेयरहोल्डर्स से खरीदती है तो उसे शेयर बायबैक कहते हैं. कंपनियां ऐसा टेंडर ऑफर और ओपन मार्केट ऑफर के जरिए करती हैं. शेयर बॉयबैक का मुख्य उद्देश्य वहां के हिस्सेदारों को उनके स्टॉक्स को वापस खरीदने का अधिकार प्रदान करना होता है. यह एक तरह का निवेश और स्टॉक मूल्यों को बढ़ाने का प्रयास हो सकता है. बॉयबैक के दौरान, कंपनी अपने स्टॉक को खरीदने के लिए खुद बाजार में जाती है. इससे स्टॉक की मांग बढ़ सकती है, जिससे उसकी मूल्य बढ़ सकती है. इसके माध्यम से, कंपनी अपने हिस्सेदारों को मांग के आधार पर उनके स्टॉक्स खरीदने का अधिकार देती है. हिस्सेदार इसका फायदा उठा सकते हैं यदि वे अपने स्टॉक्स को बेचने का निर्णय लेते हैं. शेयर बॉयबैक का विधान किसी निश्चित समयावधि के लिए हो सकता है और इसमें स्टॉक्स खरीदने का अधिकार सीमित हो सकता है. इससे हिस्सेदारों को उनकी स्टॉक्स को वापस खरीदने के लिए सीमित समय मिलता है.
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