Loan EMI: बढ़ती महंगाई में अपना पैसा जमा करके घर या गाड़ी खरीदना एक सपने जैसा है. ऐसे में आपकी मदद बैंक करता है. आज ज्यादातर लोग बैंक से लोन लेकर घर या गाड़ी खरीदते हैं. इसके अलावे भी कई बार हम अपने निजी काम के लिए बैंक से लोन लेते हैं.
बैंक के द्वारा लोगों को आसानी से पर्सनल लोन काफी कम ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके अलावा, अब बैंकों के द्वारा कई तरह के लोन दिये जा रहा हैं जो आपको अगल-अलग कामों में मदद कर सकते हैं. हालांकि, कई बार हम लोन को प्रीपेमेंट कर जल्दी निपटा देने की कोशिश करते हैं.
अगर, आप भी लोन का प्रीपेमेंट कर जल्दी निपटन करने का मन बना रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए. इससे आपको भविष्य में होने वाली परेशानी से बचने में मदद मिलेगी.
कई बार लोन प्री-मेमेंट करने पर आपको बैंक या वित्तिय संस्थान के द्वारा आपसे पेनल्टी चार्ज किया जाता है. अब सवाल ये उठता है कि बैंक अपना पैसा वापस लेने में पेनल्टी क्यों लगाती है. इसका जवाब है कि बैंक एक तय सीमा के लिए आपको पैसा देती है जिसके ब्याज से उसका लाभ होता है. ऐसे में अपना मुनाफा कम होता देखकर वो पेनल्टी लगा देता है.
कई बार बैंक के द्वारा लगायी जाने वाली पेनल्टी इतनी ज्यादा होती है कि प्रीपेमेंट करना ठीक नहीं होता है. इसके साथ ही, एक बार बड़ा पेमेंट करने से आपके अपने लिक्विडिटी पर भी असर पड़ता है. यानी इमरजेंसी के वक्त फंड की कमी पड़ सकती है.
लोन का प्रीपेमेंट करने से पहले आपको अपने आयकर के बारे में भी सोचने की जरूरत है. आप आयकर की धारा 80C के तहत होम लोन की राशि पर 1.5 लाख रुपये तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही, ब्याज की राशि पर 2 लाख रुपये तक का एग्जंप्शन मिलता है. प्री-पेमेंट से आपको इसका नुकसान होता है.
लोन का प्री-पेमेंट करते समय हमेंशा ध्यान रखें कि पैसे देने के बाद भी आपके पास, पर्याप्त धन बचा रहे. आरबीआई के नियम के अनुसार, लोन की ब्याज दर फ्लोटिंग है तो बैंक प्रीपेमेंट पर पेनल्टी नहीं लगा सकता है.
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