15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आज से लगातार 4 दिन बंद रहेंगे बैंक, कर्मचारी यूनियनों की 28-29 मार्च को होगी हड़ताल और…

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने मंगलवार को ही इस बात का ऐलान कर दिया था कि कहा कि विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने 28-29 मार्च को दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है. इससे बैंक सेवाओं पर असर पड़ सकता है.

नई दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार के निजीकरण के विरोध में कर्मचारी यूनियनों ने 28 और 29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है. उनके इस ऐलान से देश के बैंकों की सेवाओं पर भी खासा असर पड़ेगा. उनकी इस दो दिवसीय हड़ताल की वजह से बैंकों के कामकाज लगातार करीब चार दिन तक बंद रहेंगे. इसका कारण यह है कि 28 और 29 मार्च से पहले शनिवार और रविवार भी आते हैं. शनिवार को महीने का आखिरी और चौथे शनिवार की वजह बैंकों का कामकाज बंद रहता है और रविवार को साप्ताहिक अवकाश की वजह से बैंकिंग सेवाएं नहीं होती हैं.

दो दिन करेंगे हड़ताल

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने मंगलवार को ही इस बात का ऐलान कर दिया था कि कहा कि विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने 28-29 मार्च को दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है. इससे बैंक सेवाओं पर असर पड़ सकता है. हड़ताल का आह्वान सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण तथा बैंक कानून संशोधन विधेयक 2021 के विरोध में किया गया है.

एसबीआई ने की आवश्यक व्यवस्था

एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) के अनुसार, भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने उसे सूचित किया है कि ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिएशन (एआईबीईए), बैंक एम्प्लॉयज फेडरेशन ऑफ इंडिया(बीईएफआई) और ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) ने नोटिस देकर देशव्यापी हड़ताल पर जाने का फैसले के बारे में जानकारी दी है. भारतीय स्टेट बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि बैंक ने हड़ताल के दिनों में अपनी शाखाओं और कार्यालयों में सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की है, लेकिन यह आशंका है कि हड़ताल से बैंक में कामकाज कुछ हद तक प्रभावित हो सकता है.

हड़ताल का व्यापक असर होने की आशंका

श्रमिक संगठनों के बयान के अनुसार, कामगार विरोधी, किसान विरोधी, जन विरोधी तथा राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ 28-29 मार्च, 2022 को दो दिन की हड़ताल को लेकर विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में तैयारियों के सिलसिले में केंद्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मंच की 22 मार्च, 2022 को दिल्ली में बैठक हुई. बयान में कहा गया है कि एस्मा (हरियाणा और चंडीगढ़, क्रमशः) के खतरे के बावजूद रोडवेज, परिवहन और बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों ने हड़ताल में शामिल होने का निर्णय किया है. इसमें कहा गया है कि बैंक और बीमा समेत वित्तीय क्षेत्र भी हड़ताल में शामिल होंगे. कोयला, इस्पात, तेल, दूरसंचार, डाक, आयकर, तांबा, बैंक, बीमा समेत अन्य क्षेत्रों को हड़ताल को लेकर नोटिस दिये गये हैं.

Also Read: बिहार में ग्रामीण बैंक ने फर्जी दस्तावेजों पर दे दिया 10 करोड़ से अधिक लोन, पुलिस ने मांगी ऑडिट रिपोर्ट
क्यों कर रहे दो दिन की हड़ताल?

श्रमिक संगठनों के बयान के अनुसार, बैठक में इस तथ्य पर ध्यान दिया गया कि हाल ही में हुए राज्यों के चुनावों के परिणामों से उत्साहित केंद्र की भाजपा सरकार ने मेहनतकश लोगों के हितों के खिलाफ नीतियों को जोर-शोर से लागू करना शुरू कर दिया है. कर्मचारी भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को 8.5 प्रतिशत से घटाकर 8.1 प्रतिशत कर दिया गया है. साथ ही, पेट्रोल-डीजल, एलपीजी, सीएनजी आदि के दाम में में अचानक वृद्धि की गई है. सार्वजनिक उपक्रमों की जमीन को बाजार पर चढ़ाने (मौद्रीकरण योजना) को लेकर कदम उठाये जा रहे हैं. बैठक में इन नीतियों की आलोचना की गई. बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा की घोषणा का स्वागत किया गया.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें