नयी दिल्ली : स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) करने में अब देश के बैंकों को ज्यादा माथापच्ची नहीं करनी पड़ेगी. इसके लिए आयकर विभाग ही उनके साथ सूचनाओं को साझा करेगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा है कि आयकर प्रशासन अब जरूरी सूचनाएं सूचीबद्ध सभी वाणिज्यिक बैंकों के साथ साझा कर सकता है. इस पहल से बैंकों को अपने ग्राहकों को किये जाने वाले विभिन्न प्रकार के भुगतानों पर टीडीएस कटौती का फैसला लेने में सहुलियत होगी.
सीबीडीटी की ओर से 31 अगस्त को जारी अधिसूचना में भारतीय रिजर्व बैंक कानून 1934 के तहत दूसरी अनुसूची में सूचीबद्ध वाणिज्यिक बैंकों को आयकर कानून की धारा 138 के तहत सूचना साझा करने वालों की श्रेणी में शामिल कर लिया गया है. सीबीडीटी व्यक्तिगत आयकर और कंपनी कर के नियम कायदे बनाने वाला शीर्ष निकाय है. आयकर कानून की धारा 138 आयकर विभाग को उसके कारदाताओं के बारे में जानकारी को दूसरी एजेंसियों के साथ साझा करने का अधिकार देता है.
नांगिया एंडरसन एलएलपी के पार्टनर संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि सूचीबद्ध वाणिज्यिक बैंकों को आयकर विभाग द्वारा सूचनाएं साझा करने वाली सूची में शामिल कर दिये जाने से बैंकों को टीडीएस कटौती के बारे में फैसला लेने में काफी मदद मिलेगी. झुनझुनवाला ने कहा इस पहल से विशेषतौर से धारा 194एन के तहत आने वाले मामलों में काफी मदद मिलेगी. इस धारा के तहत करदाताओं से आयकर संबंधी कई तरह की सूचनाओं की जरूरत पड़ती है.
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झुनझुनवाला ने कहा कि आयकर विभाग द्वारा बैंकों को दी जाने वाली जानकारी से बैंकों को उनके ग्राहकों द्वारा सौंपे जाने वाले फॉर्म 15जी और 15एच की वैधता की भी जांच करने में मदद मिलेगी. इससे उनके ग्राहकों का ब्योरा पिछले साल की कर रिटर्न के साथ मिलान किया जा सकेगा.
Posted By : Vishwat Sen
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