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गरीबों को बड़ी राहत : देश के 80 करोड़ परिवारों को फ्री में फिर अनाज देगी मोदी सरकार, मई और जून में मिलेंगे भरपूर फायदे

फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सेक्रेटरी सुधांशु पांडेय के अनुसार देश के 80 करोड़ गरीबों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (पीडीएस) के लाभार्थियों को दो महीने (मई और जून) में 5 किलो अतिरिक्त अनाज मुफ्त दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बार सरकार की इस योजना के तहत दाल उपलब्ध नहीं कराई जाएगी.

Big relief to the poor families : कोरोना की दूसरी लहर के बीच देश के गरीब परिवारों के लिए बड़ी ही राहत भरी खबर है. केंद्र की मोदी सरकार एक बार फिर देश के 80 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त में अनाज देने का फैसला किया है. सरकार की ओर से मई और जून महीने में गरीबों को फ्री में अनाज उपलब्ध कराया जाएगा.

फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सेक्रेटरी सुधांशु पांडेय के अनुसार देश के 80 करोड़ गरीबों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (पीडीएस) के लाभार्थियों को दो महीने (मई और जून) में 5 किलो अतिरिक्त अनाज मुफ्त दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बार सरकार की इस योजना के तहत दाल उपलब्ध नहीं कराई जाएगी.

बता दें कि सरकार की ओर से पीएमजीकेएवाई का ऐलान देश में कोरोना की पहली लहर के दौरान लगाए गए लॉकडाउन के पिछले 2020 में की गई थी. इस दौरान देश के गरीबों को तीन महीनों (मई से जुलाई तक) फ्री में अनाज देने का फैसला किया था. इसके बाद इसे बढ़ाकर नवंबर तक कर दिया गया था. इस योजना के तहत नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (एनएफएसए) के तहत रजिस्टर्ड लाभार्थियों को प्रत्येक परिवार के हिसाब से 5 किलो गेहूं और चावल के साथ एक किलो दाल दी जाती थी, लेकिन इस साल सिर्फ अनाज दिया जाएगा.

पांडेय ने बताया कि पिछले बार की तर्ज पर ही मुफ्त अनाज बांटा जाएगा. उन्होंने कहा कि 80 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त अनाज दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मुफ्त अनाज एनएफएसए के तहत पहले से हर महीने मिलने वाले अनाज से अलग होगा. उन्होंने कहा कि करीब दो महीनों तक मुफ्त अनाज देने के लिए करीब 80 लाख टन खाद्यान्न की जरूरत होगी.

उन्होंने कहा कि यह कदम गरीबों के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वायदे के अनुरूप है और भारत सरकार इस पहल पर 26,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम खर्च करेगी. इसमें अनाजों का अंतरराज्यीय परिवहन भी शामिल है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का इस बात पर जोर है कि देश जब कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है, तब यह जरूरी है कि गरीबों को पोषण सहायता मिले.

गौरतलब है कि राजस्थान, केरल, उत्तराखंड सरकारों के साथ ही एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और टीएमसी नेता सौगत रॉय समेत कई सांसदों द्वारा की गई मांग के बीच पीएमजीकेएवाई को वायरस की दूसरी लहर के बीच फिर से लागू किया जा रहा है. पीएमजीकेएवाई के तहत पिछले साल 200 लाख टन मुफ्त अनाज का वितरण किया गया था.

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Posted by : Vishwat Sen

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