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GDP में गिरावट पर पी चिदंबरम की दो टूक, कहा- आर्थिक कुप्रबंधन से अर्थव्यवस्था का बुरा हाल

वित्त वर्ष 2020-21 में देश की जीडीपी में 7.3 फीसदी की गिरावट दर्द की गई है. बीते चार दशकों में जीडीपी में आई यह सबसे बड़ी गिरावट है. वहीं, जीडीपी में आई गिरावट को देखते हुए पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने मोदी सरकार और एनडीए को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने इसे बीते 4 दशकों में 2020-21 को अर्थव्यवस्था का सबसे काला वर्ष करार दिया है.

  • पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम का तीखा बयान

  • जीडीपी में आयी गिरावट को लेकर केन्द्र सरकार पर फोड़ा ठीकरा

  • कहा- सरकार के आर्थिक कुप्रबंध के कारण अर्थव्यवस्था का हुआ यह हाल

वित्त वर्ष 2020-21 में देश की जीडीपी में 7.3 फीसदी की गिरावट दर्द की गई है. बीते चार दशकों में जीडीपी में आई यह सबसे बड़ी गिरावट है. वहीं, जीडीपी में आई गिरावट को देखते हुए पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने मोदी सरकार और एनडीए को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने इसे बीते 4 दशकों में 2020-21 को अर्थव्यवस्था का सबसे काला वर्ष करार दिया है. साथ ही कहा कि सरकार के आर्थिक कुप्रबंध के कारण अर्थव्यवस्था का यह हाल हुआ है.

पी चिदंबरम ने क्या कहाः अर्थव्यवस्था में आयी बड़ी गिरावट पर कांग्रेस नेता ने कहा है कि 4 दशकों में 2020-21 अर्थव्यवस्था का सबसे काला वर्ष रहा है. सबसे ज़्यादा चिंता की बात ये है कि प्रति व्यक्ति जीडीपी एक लाख रुपये के नीचे गिर गया है, ये गिरकर 99,694 हो गया है. पिछले साल की तुलना में ये -8.2 फीसदी की गिरावट है.

छोटे लॉकडाउन का बड़ा झटकाः गौरतलब है कि, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान संक्रमण की बढ़ती रफ्तार पर लगाम के लिए राज्यों ने जो छोटे-छोटे लॉकडाउनों (Small Lock Down ) लगाये थे, उससे देश की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) बुरी तरह प्रभावित हुई है. राज्यों में लगाई गई पाबंदियों के कारण वर्ष 2021 की जनवरी-मार्च की तिमाही के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product) में महज 1.6 फीसदी की ही बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

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क्या कहते हैं सरकारी आंकड़ेः बता दें, सरकार की ओर से जारी आंकड़ों की माने तो वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में जीडीपी (GDP) 38.96 लाख करोड़ रुपये की रही, जो वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही के दौरान 38.33 लाख करोड़ रुपये थी. इस हिसाब से मार्च की तिमाही में जीडीपी में 1.6 फीसदी की ही बढ़ोतरी दर्ज की गई.

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Posted by: Pritish Sahay

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