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बजट 2021 : मिडिल क्लास ठगा गया! मोदी सरकार के सबसे बड़े वोटर्स को कुछ नहीं मिला

बजट 2021(Budget 2021) से मध्यम वर्ग(Middle Class) को बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (nirmala sitharaman) ने उन्हें खाली हाथ ही रखा है, बात चाहे टैक्स में छूट (income tax slab ) की हो या फिर हेल्थ इंश्योरेंस की मध्यम वर्ग को वित्तमंत्री से कुछ भी नहीं मिला है.

बजट 2021 से मध्यम वर्ग को बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने उन्हें खाली हाथ ही रखा है, बात चाहे टैक्स में छूट की हो या फिर हेल्थ इंश्योरेंस की मध्यम वर्ग को वित्तमंत्री से कुछ भी नहीं मिला है.

टैक्स स्लैब में नहीं मिली छूट

कोरोना महामारी के बाद यह सरकार का पहला बजट था, जिससे आम आदमी की बहुत उम्मीदें जुड़ी थीं. मध्यम वर्ग यह सोच रहा था कि उसे टैक्स स्लैब में छूट मिलेगी, लेकिन सरकार ने टैक्स स्लैब के बारे में कोई घोषणा नहीं की. ना तो सरकार ने टैक्स स्लैब को घटाया ना ही उसे बढ़ाने की घोषणा की. पुराने टैक्स स्लैब के अनुसार 2.5 लाख रुपये तक की आय पूरी तरह से कर मुक्त है. इसके बाद 2.5 से 5 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी का टैक्स लगता है, लेकिन इसके बदले सरकार 12,500 रुपये तक की छूट देती है जिससे टैक्स जीरो हो जाता है और 5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है.

अस्पताल के खर्चों पर नहीं मिली कोई टैक्स राहत

मध्यम वर्ग मोदी सरकार का बड़ा वोटर है, ऐसे में मध्यम वर्ग पर सरकार हमेशा फोकस करती रही है, लेकिन इस बार के बजट में उनके लिए कुछ भी नहीं है. कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य पर लोगों का काफी खर्च हुआ. यहां तक कि उन्हें अस्पताल में भरती होने का खर्च भी उठाना पड़ा. ऐसे में सरकार से उम्मीद की जा रही थी कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर हॉस्पिटलाइजेशन से जुड़े खर्चों पर टैक्स राहत देगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. यह उम्मीद भी थी कि सरकार अस्पताल से जुड़े खर्चों के लिए पैकेज की घोषणा कर सकती है. मगर मध्यम के खाते में यह भी नहीं आया.

कोरोना को 80डीडीबी में नहीं किया गया शामिल

टैक्स नियमों के मुताबिक न्यूरो संबंधित बीमारी, कैंसर, एड्स और क्रोनिक रेनल फेल्योर समेत कई बीमारियों के लिए सेक्शन 80डीडीबी के तहत सालाना 40 हजार रुपये तक का टैक्स डिडक्शन लाभ मिलता है. ऐसे में यह मांग की जा रही थी कि कोरोना को भी इस नियम के तहत लाया जाये, लेकिन बजट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया गया. वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 1 लाख रुपये है.

महंगाई भत्ते के बारे में नहीं हुई घोषणा

केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को लेकर भी बजट में किसी तरह की कोई घोषणा नहीं की गयी है, जिससे आम आदमी निराश है, क्योंकि केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों को उम्मीद थी कि बजट में उनके महंगाई भत्ते को लेकर कुछ घोषणा कर सकती है.

Posted By : Rajneesh Anand

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