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Budget 2024:ऑटोमोबाइल सेक्टर को आस, ई-वाहनों को बढ़ावा देना जारी रखेगी सरकार, जानें और क्या है मांग

Budget 2024: अंतरिम बजट को पूर्ण बजट के फ्रेम के रुप में देख रहे हैं. ऐसे में ऑटोमोबाइल सेक्टर का मनना है कि सरकार को अपने बजट में ग्रीन ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने की नीति को जारी रखना चाहिए. उनका कहना है कि इसके अलावा बुनियादी ढांचा क्षेत्र की विकास की रफ्तार को भी कायम रखने की जरूरत है.

Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा गुरूवार को केंद्र सरकार के इस कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया जाना है. इसे लेकर संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होने वाला है. इस अंतरिम बजट (Interim Budget 2024) से देश के सभी सेक्टरों को काफी उम्मीद है. हालांकि, मंत्रालय ने कुछ दिनों पहले ये साफ किया था कि इस बजट में कुछ खास नहीं होगा. मगर जानकार अंतरिम बजट को पूर्ण बजट के फ्रेम के रुप में देख रहे हैं. ऐसे में ऑटोमोबाइल सेक्टर का मनना है कि सरकार को अपने बजट में ग्रीन ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने की नीति को जारी रखना चाहिए. उनका कहना है कि इसके अलावा बुनियादी ढांचा क्षेत्र की विकास की रफ्तार को भी कायम रखने की जरूरत है.

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मर्सिडीज बेंज इंडिया ने कही ये बात

मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संतोष अय्यर ने कहा कि हमारा अनुमान है कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र की परियोजनाओं पर पूंजीगत व्यय जारी रहेगा. सरकार को हरित परिवहन के लिए नीतिगत प्रोत्साहन पर ध्यान जारी रखना चाहिए. इससे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि लक्जरी कार उद्योग देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में महत्वपूर्ण योगदान देता है. ऐसे में यह क्षेत्र चाहता है कि प्राथमिकता के आधार पर शुल्क ढांचे और जीएसटी को सुसंगत किया जाए. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर हमें आगामी बजट में किसी तरह के ‘आश्चर्य’ की उम्मीद नहीं है. फिलहाल लक्जरी वाहनों पर 28 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगता है. साथ ही सेडान पर 20 प्रतिशत और एसयूवी पर 22 प्रतिशत का अतिरिक्त उपकर लगता है. ऐसे में इन वाहनों पर कुल कर करीब 50 प्रतिशत बैठता है.

पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम होगी

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के उप-प्रबंध निदेशक (कॉरपोरेट योजना, वित्त एवं प्रशासन और विनिर्माण) स्वप्नेश आर मारू ने कहा कि वाहन विनिर्माताओं को भरोसा है कि सरकार अर्थव्यवस्था और परिवहन क्षेत्र को एक ऐसे हरित भविष्य में स्थानांतरित करने की दिशा में अपना प्रयास जारी रखेगी जो जीवाश्म ईंधन पर कम निर्भर हो. वहीं, जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक रघुपति सिंघानिया ने कहा कि वाहन क्षेत्र के लिए सतत नीतियों से इस क्षेत्र का विस्तार होगा. महिंद्रा लास्ट माइल मोबिलिटी की प्रबंध निदेशक एवं सीईओ सुमन मिश्रा ने कहा कि समावेशी आय सृजन, इलेक्ट्रिक तिपहिया और वाणिज्यिक वाहनों के जरिये लोग वित्तीय रूप से सशक्त हो रहे हैं. हम बजट में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने और विनिर्माण (फेम) की योजना के जरिये इस क्षेत्र को प्राथमिकता देने की उम्मीद करते हैं.

बड़ा रोजगार देंगे ग्रीन वाहन

पीएचएफ लीजिंग लि. के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शल्य गुप्ता ने कहा कि सरकार 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध है. ऐसे में हल्के वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक वाहन (ईएलसीवी) न केवल रोजगार प्रदान कर रहे हैं, बल्कि कम उत्सर्जन के समाधान की भी भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार ईएलसीवी पर न केवल सब्सिडी समर्थन जारी रखेगी, बल्कि इनके पंजीकरण की प्रक्रिया को भी सरल करेगी. काइनेटिक ग्रीन की संस्थापक एवं सीईओ सुलज्जा फिरोदिया मोटवानी ने उम्मीद जताई कि सरकार फेम-तीन योजना की घोषणा कर इलेक्ट्रिक वाहनों को समर्थन जारी रखेगी.

(भाषा इनपुट)

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